सम्भल

कांग्रेस में प्रियंका के खिलाफ साजिश, राहुल ने उठाया आत्मघाती कदम! आचार्य प्रमोद कृष्‍णम का बड़ा दावा

Lok Sabha Elections 2024 Update: कांग्रेस से निष्कासित आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले को प्रियंका गांधी के खिलाफ बताया। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी के खिलाफ पार्टी में साजिश हो रही है, जिसका वो शिकार हैं।

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May 04, 2024

Rahul Gandhi Priyanka Gandhi Update: आईएएनएस से खास बातचीत में उत्तर प्रदेश के संभल स्थित श्री कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्‍णम ने कहा "कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा धड़ा नहीं चाहता है कि प्रियंका गांधी संसद पहुंचें। प्रियंका एक काबिल नेता हैं। अब वो कहां से चुनाव लड़ेंगी और कहां से नहीं, यह तो उनका निजी फैसला है, लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी से ताल ठोकनी चाहिए, क्योंकि उनके अंदर पीएम मोदी को टक्कर देने की क्षमता है। वो एक काबिल नेता हैं।"

इससे पहले भी कई कई बार आचार्य प्रमोद कृष्णम प्रियंका गांधी का खुलकर समर्थन कर चुके हैं। बीते दिनों उन्होंने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को कांग्रेस से प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग की थी। हालांकि कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधियां चलाने का जिम्मेदार मानते हुए पार्टी से बाहर कर दिया।

अब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने के फैसले की खुलकर आलोचना की है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी स्मृति ईरानी से डर गए। इससे कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है। जो राहुल गांधी कहा करते थे कि डरो मत, आज वही राहुल गांधी डर गए।

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा, “कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह चर्चा थी कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़ेंगे और यह पहली बार हुआ है कि गांधी परिवार अमेठी, रायबरेली हारा, लेकिन सीट नहीं छोड़ी। संजय गांधी भी चुनाव हारे, लेकिन सीट नहीं छोड़ी, इंदिरा गांधी भी चुनाव हारी, लेकिन सीट नहीं छोड़ी। यह पहली बार हुआ है कि राहुल गांधी ने सीट छोड़ी है। इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच गलत संदेश गया है।“

उन्होंने आगे कहा “कांग्रेस कार्यकर्ताओं को यह लगता था कि राहुल गांधी डरते नहीं हैं, लेकिन अब इससे यह एक मैसेज गया है कि राहुल गांधी हारने से डर गए और अमेठी छोड़कर चले गए। जब पब्लिक का परसेप्‍शन बदलता है, तो सब कुछ बदल जाता है। मुझे लगता है कि राहुल का यह फैसला आत्मघाती सिद्ध होगा, क्योंकि जब राहुल गांधी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को एड्रेस करते थे, तो कहते थे डरो मत, पब्लिक मीटिंग को एड्रेस करते थे, तो कहते थे कि डरो मत, मीडिया से कहा करते थे कि डरो मत, तो जो व्यक्ति दूसरों से यह कहता था कि डरो मत, वो आज खुद डर गया। अब यह बड़ा सवाल बन चुका है कि राहुल गांधी इतने बड़े नेता हैं, लेकिन स्मृति ईरानी से कैसे डर गए।“

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