MP News: सतना में 41.56 करोड़ की सीसी रोड मात्र एक माह में फट गई। इंजीनियर साहब से जब कलेक्टर ने इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने एक हास्यात्पद जवाब दिया।
CC Road Construction Failure: सतना के चित्रकूट में मोहकमगढ़ तिराहे से पीली कोठी तक मुख्य मार्ग के निर्माण कार्य 41.56 करोड़ रुपए की लागत से किया जा रहा है, लेकिन स्थिति यह है उच्च शक्ति वाली एम-40 ग्रेड की सीसी रोड बनने के एक माह के अंदर ही फटने लगी है। रोड में यह दरार न केवल ऊपरी सतह पर है, बल्कि पूरा स्लैब ही दरक गया है। (MP News)
मामला सामने आने पर कलेक्टर ने संबंधित वाट्सएप ग्रुप पर इसका कारण पूछा तो संबंधित ठेका एजेंसी के इंजीनियर ने जवाब दिया कि तापमान में बदलाव के कारण कंक्रीट सिकुड़ता और फैलता है। यह दरार तापमान की वजह से हुई सिकुड़न के कारण बनी है। जबकि लोक निर्माण विभाग के तकनीकी अधिकारी इस जवाब को हास्यास्पद बता रहे हैं। उनका कहना है कि एम-40 ग्रेड की रोड को अगर तय डिजाइन के तहत बनाया जाता है तो माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से प्लस 60 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में फटेगी या टूटेगी नहीं।
एम-40 ग्रेड सीसी रोड उच्च शक्ति की रोड होती है। इस रोड की दबाव सहने की क्षमता 40 मेगा पास्कल होती है। इस क्षमता की सीसी रोड का क्यूब टेस्ट किया जाए तो इसका क्यूब 90 टन का वजन झेल सकता है। रोड में एक्सपॉन्शन ज्वाइंट बनाए गए हैं तो 40 मेगापास्कल वाली सीसी रोड सामान्य मौसम में माइनस 10 डिग्री सेल्सियस से प्लस 60 डिग्री सेल्सियस तापमान पर फटती और टूटती नहीं है।
यहां ऊपर सतह नहीं फटी है बल्कि पूरा स्लैब फट गया है। लोनिवि के इंजीनियरों के अनुसार रोड को अमानक तरीके से बनाया गया है। जो डिजाइन दी गई थी उसके अनुसार काम नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है। रोड में तय दूरी में सही एक्सपान्सन ज्वाइंट नहीं बनाए गए हैं।
डिजाइन के अनुसार 4.5 मीटर से 6 मीटर के बीच 25 एमएम की डॉवल बार (लोहे की छड़) डाली जानी चाहिए थी। इससे रोड का पूरा स्लैब नहीं फटता। अगर तापमान के कारण रोड में दरार आती तो वह ऊपरी सतह तक सीमित रहती। ऐसा न हो इसके लिए भी प्यूरिंग पीरियड में कंट्रोल ज्वाइंट बनाने का प्रावधान है।
सीएमपीवी के इंजीनियर अनुराग तिवारी ने रोड फटने के मामले में पत्रिका को बताया कि मौसम के तापमान में आए बदलाव की वजह से ऐसा हुआ है। यह सामान्य है। इसे सुधार दिया जाएगा। लोनिवि के सेवानिवृत्त सब इंजीनियर आरडी पाण्डेय के अनुसार यह सामान्य मामला नहीं है। रोड में एक्सपॉन्शन ज्वाइंट सही नहीं होने और कंट्रोल ज्वाइंट नहीं होने के कारण यह स्थिति बनी है।
सोशल मीडिया में दरार को लेकर सवाल उठाए गए तो कलेक्टर ने वाट्सएप ग्रुप में इन सवालों को डाल कर संबंधितों से जवाब चाहा। जिस पर संबंधित ठेका एजेंसी के इंजीनियर ने तामपाम को वजह बताते हुए सामान्य मामला बताया और सुधारने की बात कही।