इंजीनियरों को एसी की आदत हो गई है फील्ड में देखने की जहमत ही नहीं उठाते
सतना। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने गुरुवार को नगर निगम और स्मार्ट सिटी के कामों की वृहद समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी कामों के तकनीकि अमले सहित ठेकेदारों और कन्सल्टेंट एजेंसी के अधिकारियों की जमकर क्लास ली। सीवर के काम पर तो सभी संबंधितों की खिंचाई की। ठेकेदार से कहा कि जब काम करना नहीं आता तो ठेका ही क्यों लेते हो। इंजीनियरों से कहा कि एसी में बैठने की आदत हो गई है, फील्ड में जाकर कुछ देखते नहीं है। कन्सल्टेंट एजेंसी से कहा कि आप लोगों की तो कोई उपयोगिता ही नहीं है। निगमायुक्त से कहा कि सीवर के कामों को लेकर एक ग्रुप बनाओ और उसमें मुझे भी जोड़ो। इसमें प्रतिदिन की एक्टीविटी की जानकारी सुबह शाम साझा करो। बैठक में निगमायुक्त शेर सिंह मीना, नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी, ठेकेदार मौजूद रहे।
ये कोई काम पूर्ण नहीं माने जाएंगे
बैठक की शुरुआत में बताया गया कि सतना स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड के 369 करोड़ लागत के 48 प्रोजेक्ट वर्क पूरे कर लिये गये हैं। इस पर कलेक्टर ने पूर्ण कार्यों की नीचे से समीक्षा प्रारंभ की। स्टेडियम के प्रोजेक्ट पर फोटो देखते हुए कहा कि इसमें घास लगनी थी फोटो में कहां है घास। बताया गया कि लगनी है। यह सुन कलेक्टर भड़के और कहा कि तुम लोगों का कोई भी प्रोजेक्ट पूरी तरह से फिनिश नहीं है। बिना काम पूरा किए काम पूर्ण बता कर ऑपरेशन एण्ड मेंटीनेंस (ओएण्ड़एम) में डाल दिए हो। ऐसे कोई काम पूर्ण नहीं माने जाएंगे। पूर्ण कामों से हटा कर इन्हें प्रगतिशील कामों में लाओ। 8-8 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हो और मैदान में पानी भर रहा है। इंजीनियर क्या देखता है। एसी कमरे की आदत लग गई है, कहीं जाना नहीं है कुछ देखना नहीं है सब ठेकेदार के भरोसे छोड़ रखा है। व्हीकल यार्ड में भी यही स्थिति मिली। कहा, स्ट्रक्टर पूरा होना काम पूर्ण होना नहीं माना जाता है। जब तक एसओपी के अनुसार काम पूरा नहीं हुआ तब तक पूर्ण नहीं माना जाएगा। निगमायुक्त स्वयं देखें और इन्हें प्रगतिशील कार्यों में वापस जोड़े। कोई एक काम बता दो जो तुम लोगों ने एसओपी के अनुसार पूरा किया है। मजाक बना कर रखा है।
शर्म आनी चाहिए इसी शहर के ठेकेदार हो, टर्मिनेट करो इसे
विजुअल इंप्रूवमेंट की समीक्षा में कहा कि इतना घटिया काम तो कहीं नहीं देखा। इस प्रोजेक्ट में डिवाइजर में जहां मिट्टी भरनी थी वहां मुरुम भर दी। जगह जगह सड़कों पर पानी भरा है। पता नहीं कन्सल्टेंट और इंजीनियर क्या देख रहे हैं। ठेका कंपनी एबीसी के ठेकेदार से कहा कि कुछ तो शर्म करो। इसी शहर के हो, यहीं रहना है और अपने शहर को सुन्दर बनाने का काम कर रहे हो। खुद में शर्म नहीं आती है इतना घटिया काम करने पर। निगमायुक्त से कहा कि मुरुम निकालकर मानक मिट्टी डलवाइये। डिवाइडर के नीचे जो मिट्टी के ढेर लगे हैं उन्हें साफ करवाइये। इनका ठेका टर्मिनेट करने का प्रस्ताव बनाकर प्रस्तुत करें, ये काम नहीं कर पाएंगे। ठेकेदार ने कहा कि कर लेंगे सर लेकिन कलेक्टर ने झिड़कते हुए कहा कि तुमसे नहीं हो पाएगा किसी दूसरे को बुलाओ। इसके साथ ही कहा यही वक्त सही है पौधरोपण का, लिहाजा प्लान के अनुसार पौधे लगाने का काम शीघ्र प्रारंभ करवाएं।
बस टर्मिनल में लाज रख लेना
अन्तर प्रांतीय बस अड्डा (आईएसबीटी) की समीक्षा में कहा कि यह अन्तर प्रांतीय बस टर्मिनल है इसमें लाज रख लेना। घटिया काम चल रहा है। जो काम हो रहा है वह धीमा हो रहा है। इसका भी ठेका एबीसी के पास है। इस पर पेनाल्टी लगाओ। अगर यहां भी काम नहीं हो तो इसे भी टर्मिनेट करना। इस दौरान कन्सल्टेंट एजेंसी टाटा कन्सल्टेंसी के टीम लीडर से कहा कि तुम्हारी भी जरूरत नहीं है। मतलब क्या है करोड़ों रुपये तुम्हे देने का जब इतने घटिया काम हो रहे हैं। करते ही क्या हो। इस दौरान साइकिल ट्रेक की उपयोगिता बढ़ाने निर्देश दिए कि नगर निगम के लोग और अन्य ग्रुप यहां नियमित साइकिलिंग करेंगे। सुबह लोग यहां दिखने चाहिए। कमिश्नर इसे चेक करेंगे।
कौन है यहां का इंजीनियर
कलेक्टर ने कहा कि हवाई अड्डे की रोड में देखों तो वहां पानी भरा है। तुम्हारे काम करने का क्या मतलब पहले ही डामर सड़क ही अच्छी थी। पानी तो नहीं भरता था। कौन है यहां का इंजीनियर और किसका काम है। इस पर इंजीनियर अंशुमान सिंह खड़े हुए और एक बार फिर एबीसी का काम सामने आया। इस पर कलेक्टर ने कहा कि क्या देखते हो। इंजीयिनर ने पन्नी आ गई होगी कहते हुए सफाई दी। इस पर कलेक्टर ने फटकार लगाई और कहा कि कल जाकर देखों और उसे सही करवाओ। एक काम इनका बता दो जो सही फिनिशिंग में है। फुट ओवर ब्रिज पर भी फटकार लगाई। व्यंकट वन में स्मार्ट क्लास के काम को तत्काल पूरा करने कहा।
सीवर की वृहद समीक्षाः कहा, मिट्टी डाले और बढ़ गए
सीवर लाइन की विस्तृत समीक्षा की। ठेकेदार से कहा कि कही और भी काम किए हो। जब काम करना नहीं आता है तो ठेका क्यों ले लेते हो। न सही फिलिंग करना, न रोलिंग करना। सतह से ऊपर मिट्टी डाले और आगे बढ़ गए। अधिकारियों से कहा कि आप लोग काम क्यों नहीं करवाते हो। कटनी में रोलर चलते हैं तो यहां क्यों नहीं चल सकते हैं। अधिकारी ने कहा कि रोलर चलवाते हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा झूठ बोल रहे हो। कहीं रोलर चलते नजर नहीं आते है। क्या नार्म्स है पता भी है। काम्पेक्शन लेयर में करना है। लेकिन ऐसा नहीं कर रहे हो इसलिए वाहन फंस जाते हैं। लेयरिंग में काम्पेक्शन शुरू करो। नीचे की लेयर में मैनुअल कॉम्पेक्शन करो, ऊपर रोलर से । दोनों ठेकेदारों का घटिया काम है। नियम है कि दो सौ तीन सौ मीटर खोदो फिर उसे सही करके आगे बढ़ो लेकिन यहां किलोमीटर तक खोदे चले जा रहे हैं। अधिकारी चुप्पी साधे एसी रूम में बैठे हैं। पीडीएमसी (निगरानी के लिए थर्ड पार्टी एजेंसी) क्या कर रही है। मानक का पालन क्यों नहीं करवा रही है। पीडीएमसी पर भी पेनाल्टी लगाओ। खाली बैठे का पैसा ले रही है। जयपुरिया स्कूल तक गया था। वहां देखा पूरी रोड पंचर कर दिए हैं, जबकि अभी पाइप तक नहीं आई है। ऐसे काम किया जाता है। सीवर का काम में दोनों ठेकेदारों ने इतनी निगेटिविटी फैला दिए हैं को लोग गालियां देने लगे हैं। कमिश्नर सभी अधिकारियों को ऑफिस से निकालें और जब तक काम न हो फील्ड में रहना सुनिश्चित करें। सीवर का वाट्सएप ग्रुप बनाएं, इसमें ठेकेदार और इंजीनियर प्रतिदिन क्या काम कर रहे हैं प्रतिदिन अपडेट करेंगे।