Sarabhanga sanctuary: मध्य प्रदेश के सरभंगा वनक्षेत्र को अभ्यारण बनाने की मांग प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में आयोजित भाजपा प्रबंध समिति की बैठक में रखी गई।
Sarabhanga sanctuary: मध्य प्रदेश के सतना जिले में सरभंगा अभयारण्य (Sarabhanga sanctuary) को लेकर लगातार उठ रही मांग को देखते हुए प्रभारी मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अध्यक्षता में आयोजित भाजपा प्रबंध समिति की बैठक में सरभंगा को अभयारण्य बनाने जाने की बात रखी गई। जिस पर सांसद गणेश सिंह और चित्रकूट विधायक सुरेन्द्र सिंह ने आपत्ति जताई। बैठक में भाजपा जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद पाण्डेय, राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी, रामपुर विधायक विक्रम सिंह सहित अन्य मौजूद रहे। भाजपा कार्यालय के बंद कमरे में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्ष भगवती ने सरभंगा को अभयारण्य बनाने का मामला रखा।
राज्य मंत्री प्रतिमा ने कहा कि वहां सब कुछ है। बहुत सारे जानवर हैं। तभी सांसद ने कहा कि यह ठीक नहीं है। वहां बस्तियां हैं। बैठके लें और ग्राम पंचायतों से सहमति लें। राज्यमंत्री ने कहा कि विस्थापित होने की तो बात ही नह हो रही है। सांसद ने कहा कि आए दिन जानवर मर रहे हैं। कल को दोष उन्ही बस्ती वालों पर आएगा। फिर यह विपक्ष का मुद्दा है। विधायक चित्रकूट सुरेन्द्र सिंह ने कहा कि गांव वालों को आपत्ति है। इतना बड़ा क्षेत्र प्रस्तावित है। कहां जाएंगे लोग। जनता में आक्रोश होगा और लोग रुष्ट होंगे। चुनाव में इसका प्रभाव पड़ेगा। प्रभारी मंत्री ने कहा कि इस पर वहां के लोगों से चर्चा करें। स्थानीय लोगों की सहमति बने तो फिर बना लेना।
बैठक में नया भाजपा कार्यालय बनाने का मामला आया। कहा गया कि यहां जगह छोटी हो रही है। प्रभारी मंत्री ने कहा कि बाहर जमीन देखें और इस दिशा में काम करें। इस दौरान मेडिकल कॉलेज का नाम अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर करने की बात रखी गई। कहा गया कि अटल जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है। इस पर सभी ने सहमति जताई। जिले में एक भी आयुष्मान हास्पिटल नहीं होने की बात कही गई। जिस पर अस्पतालों से समन्वय बना कर काम करने कहा गया।
इस दौरान चित्रकूट क्षेत्र में धारकुण्डी का नया मंडल बनाने का मामला आया। सहमति जताई गई। इस दौरान जिले में 5 साल से ज्यादा समय से जमे अफसरों को हटाने की बात कही गई। प्रभारी मंत्री ने कहा कि 1 मई से बैन खुलने वाला है। ऐसे लोगों को चिन्हित कर लें। बैठक में चित्रकूट नगर परिषद में नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अफसरों की ड्यूटी लगाने का मुद्दा उठा। इन्हें वहां से हटाने की बात रखी गई।