MP news: सभी ने उस दिन क्लास छोड़कर प्रधानाचार्य के खेत में धान का रोपा लगाया। काम खत्म होने के बाद प्रधानाचार्य ने सभी को 150-150 रुपए मजदूरी भी दी।
MP news:मध्यप्रदेश में अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। प्रधानाचार्य ने अपने खेत में धान रोपाई के लिए आदिवासी स्कूली बच्चों को ठेका दे दिया। कुल 13 बच्चों ने पढ़ाई छोड़कर प्रधानाचार्य के खेत में धान रोपा। घटनाक्रम गत 27 जुलाई का है।
फिफिर के प्रधानाचार्य रामनरेश साकेत ने चौदह साल के एक स्कूली छात्र को रामनगर गांव स्थित अपने खेत में धान के रोपे का ठेका दिया। यह बच्चा अपने 12 सहपाठियों को बुला लाया। इन सभी ने उस दिन क्लास छोड़कर प्रधानाचार्य के खेत में धान का रोपा लगाया। काम खत्म होने के बाद प्रधानाचार्य ने सभी को 150-150 रुपए मजदूरी भी दी।
स्थानीय लोगों ने बालश्रम का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। जानकारी मिलने पर शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल सिजहटा के संकुल प्राचार्य यदुवंश शुक्ला ने प्रधानाचार्य को नोटिस जारी किया।
इस दौरान हाईस्कूल रामनगर के प्राचार्य विमल कुमार निगम ने मामले की जांच भी कर ली और इसे सही पाया। पत्रिका ने इस संबंध में प्रधानाचार्य रामनरेश साकेत से बात की, तो उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने अपने खेत में धान का रोपा लगवाया है।
कुछ स्थानीय लोगों ने खेत में बच्चों द्वारा रोपा लगवाने का वीडियो भेजा है। इस बारे में प्रधानाचार्य रामनरेश साकेत को नोटिस दिया गया है, जिसका जवाब देने के लिए उन्हें 30 जुलाई तक का समय दिया गया है। -यदुवंश शुक्ला, संकुल प्राचार्य, हायर सेकंडरी स्कूल, सिजहटा