राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री ई-ग्राम परियोजना शुरू की है। इसके तहत सभी गांवों में लोगों की संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
सवाईमाधोपुर/भाड़ौती। ग्रामीण इलाकों में निचले स्तर के जरूरतमंद पात्र लोगों को राजस्थान सरकार की सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले और सही लोग सरकारी योजनाओं से लाभांवित हो सके। इसके लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री ई-ग्राम परियोजना शुरू की है। इसके तहत सभी गांवों में लोगों की संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन दर्ज की जाएगी।
योजना के तहत सरकारी कर्मचारियों को ई-ग्राम प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ई-ग्राम प्रभारी सभी गांवों में घर-घर जाकर लोगों की जानकारी ऑनलाइन दर्ज करेंगे।
ई-प्रपत्र को ऑनलाइन करने के बाद कंप्यूटर में एक क्लिक करते ही उस गांव का इतिहास, गांव में कितने लोग हैं और कौन-कौनसी योजनाओं का लाभ ले रहे हैं या किससे वंचित हैं आदि जानकारी मिल सकेगी। इससे सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन हो सकेगा।
ई-प्रपत्र के माध्यम से गांवों की जनसंख्या, आधारभूत सुविधाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पशुपालन आदि का रिकॉर्ड आराम से देखा जा सकेगा। इसके लिए ग्राम विकास अधिकारी एवं ई ग्राम प्रभारियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
ई-ग्राम परियोजना से सरकारी योजनाओं में पारदर्शिता भी आएगी और फर्जीवाड़े पर भी अंकुश लगेगा। वहीं गांवों के ई-प्रपत्रों के ऑनलाइन होते ही प्रशासन को सड़कों की स्थिति, जलापूर्ति, स्कूल व स्वास्थ्य की तुरंत जानकारी मिल सकेगी। यही नहीं गांव में कितनी कृषि भूमि है, कितनी चरागाह तो कितनी आबादी भूमि की भी आसानी से जानकारी मिल जाएगी।
ई-ग्राम प्रभारी हर गांव में जाएंगे और उस गांव की ऐतिहासिक, भौगोलिक, जनसंख्या एवं मूलभूत सुविधाओं का डाटा 12 पेज के प्रपत्र में भर कर सांख्यिकी विभाग में ऑनलाइन करवाएंगे। इसके लिए कर्मचारियों को यह जिम्मा सौंपा जाएगा। प्रत्येक गांव में एक-एक कर्मचारी को ई-ग्राम प्रभारी नियुक्त किया गया है।
पशुधन व उनमें कौनसी बीमारी फैली है बीमार व मरने वाले पशुओं की संख्या गोशाला, फसल, बोई गई जमीन का क्षेत्रफल फसल बीमा, खनिज की भी जानकारी देनी है पेयजल, नए व पुराने भवन, चिकित्सा सेवाएं आंगनबाड़ी, स्कूल भवन, शौचालय, निजी स्कूल छात्रावास, घरेलू गैस कनेक्शन आदि जानकारी साझा करनी पड़ेगी।