सवाई माधोपुर

Sawai Madhopur: सपना बनकर रह गई रणथंभौर के जंगल में एंट्री के लिए बनाई वन विभाग योजना, जानें क्यों

रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान भ्रमण के लिए जाने वाले पर्यटक के लिए बनाई गई व​न विभाग की योजना पांच साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है।

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Ranthambore National Park: सवाई माधोपुर। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान भ्रमण के लिए जाने वाले पर्यटक वाहनों के फर्जी चालकों पर लगाम लगाने के लिए रेडियो फ्रिक्वेंसी (आरएफआईडी) कार्ड बनाने की कवायद करीब पांच साल बाद भी धरातल पर नहीं उतर पाई है। आलम यह है कि वर्तमान पर्यटन सत्र को समाप्त होने में अब कुछ दिन ही बचे हैं, लेकिन अब तक कार्ड से वाहनों की एंट्री शुरू नहीं हो पाई है।

वन विभाग की ओर से 2019 में वाहन चालकों के कार्ड बनाने की कवायद शुरू कर दी गई थी। इसके तहत विभाग के पास अब तक 372 वाहन चालकों ने आवेदन भी किए। विभाग ने कार्ड के लिए विभाग की ओर से एक कार्ड की एवज में 140 रुपए शुल्क वसूला लेकिन न तो कार्ड तैयार हो पाए और न वसूला शुल्क वाहन चालकों को लौटाया।

एंट्री प्वाइंट पर नहीं लगी स्कैनर मशीन

उद्यान के सभी एंट्री प्वाइंटों पर बॉयोमैट्रिक स्कैनर मशीन लगाने की तैयारी थी। मशीन लगने के बाद भी एंट्री प्वाइंट पर कार्ड को मशीन में लगाकर ही वाहन चालक को जंगल में एंट्री देने की योजना थी। इससे रणथंभौर में फर्जीवाड़े पर लगाम लगाने में मदद मिलती।

सॉटवेयर नहीं हो पाया डवलप

विभाग की ओर से लगाई जाने वाली स्कैनर मशीनों में एक विशेष प्रकार का सॉटवेयर इंस्टाल किया जाना था, जिसके माध्यम से स्कैनर पर कार्ड को स्कैन कराते ही कार्ड नबर के आधार पर वाहन चालक व वाहन की सपूर्ण जानकारी मशीन की स्क्रीन पर अंकित होनी थी,लेकिन अब तक सॉटवेयर इंस्टालेशन का काम पूरा नहीं हो पाया है।

इनका कहना है….

इस योजना के बारे में मुझे जानकारी नहीं हैं। पूर्व में इस प्रकार की योजना आई थी, लेकिन अब तक यह शुरू नहीं हो सकी है। विभाग की ओर से मोबाइल पर मैसेज और टिकट की जांच करके ही फर्जीवाडे पर लगाम लगाई जा रही है।
-प्रमोद कुमार धाकड़, उपवन संरक्षक(पर्यटन), रणथभौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।

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