आबादी क्षेत्र में भालू के पैरों के निशान मिलने से ग्रामीणों में भय का माहौल है। ग्रामीणों ने भालू को पकडकऱ वन क्षेत्र में छोडऩे की मांग की है।
खण्डार, सवाई माधोपुर। निकटवर्ती तलावड़ा गांव के आबादी क्षेत्र में पिछले कई दिनों से भालू के पैरों के निशान मिलने से ग्रामीणों में भय का माहौल है। इस संबंध में कई बार वनाधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी स्थिति जस की तस है। ग्रामीणों ने सीसीएफ से भालू को पकडकऱ वन क्षेत्र में छोडऩे की मांग की है। ग्रामीण नीरज शर्मा, कैलाश गुर्जर, मुकेश तेली आदि ने बताया कि भालू रात होते ही आबादी आ जाता है। वह प्रत्येक मोहल्लों में पहुंचकर सामानों को इधर उधर करता है। मकानों के दरवाजे तोडऩे का प्रयास करता है। ऐसे में ग्रामीण भयभीत है।
ग्रामीणों ने बताया कि तीन दिन पूर्व भालू ने प्रेम योगी की दुकान का ताला तोडकऱ रातभर दुकान में रखी मिठाई व गुड़ अन्य सामान खाता रहा। सुबह जाग होने पर वहां से जंगल में चला गया। इसी प्रकार गुरुवार रात को भैरूजी के मंदिर का दरवाजा तोडकऱ वहां रखा घी, गुड़ व मिठाइयां खा गया। इसके बाद सारी रात वार्ड दो के घरों में घुसने के प्रयास किए। इससे ग्रामीण सकते में आ गए। ग्रामीणों में रातों में समूह में जागकर रतजगा करने की मजबूरी है।
ग्रामीणों ने बताया कि गत दिनों गोठबिहारी गांव में भालू ने एक जने पर हमला कर घायल कर दिया था। इसके बाद भी वनाधिकारियों की आंखें नहीं खुल रही है। गांवों में भालू के हमले से बड़ा हादसा होने के बाद ही अधिकारी चेतेंगे। वनाधिकारियों की इस कार्य प्रणाली से ग्रामीणों में रोष है।