सीहोर

आखिर किसकी आंखों में खटक रहे ‘शिवराज सिंह चौहान’? खुद कह दी ये बड़ी बात

Shivraj Singh Chouhan: मध्यप्रदेश के देवास-सीहोर में दिवाली से पहले आदिवासियों के घर तोड़े जाने के मामले में शिवराज सिंह की एंट्री हुई है।

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Oct 30, 2025

Shivraj Singh Chouhan: मध्यप्रदेश के देवास-सीहोर के खिवनी अभयारण्य क्षेत्र में बारिश के दौरान आदिवासियों के घर तोड़े जाने के मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है। दिवाली से पहले केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह क्षेत्र बुधनी के भैरूंदा में आदिवासियों को नोटिस दिए जाने पर पूर्व सीएम ने नाराजगी व्यक्त की है।

'अरे प्रकरण क्या...जिंदगी भी चली जाए तो कोई दिक्कत नहीं'

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यहां बुदनी से भाजपा विधायक रमाकांत भार्गव का नाम लेते हुए कहा कि उन्होंने बताया कि किसी ने चिट्ठी लिखी की शिवराज सिंह आदिवासियों को भड़काते हैं, इस पर प्रकरण दर्ज करो। शिवराज ने आगे कहा, अरे प्रकरण क्या... जिंदगी भी चली जाए तो कोई दिक्कत नहीं। मैं आदिवासी भाई-बहनों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा।

आदिवासियों के साथ अन्याय नहीं होने दूंगा- शिवराज सिंह चौहान

भैरूंदा में आदिवासियों को जमीन खाली करने के मिले नोटिस पर शिवराज सिंह ने कहा कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दूंगा। भाजपा की सरकार आदिवासी हितैषी है। और सीएम डॉ. मोहन यादव भी आदिवासियों के प्रति संवेदनशील है। इस दौरान शिवराज सिंह ने यह भी कहा कि आदिवासियों की जमीनों के संबंध में मुख्यमंत्री से भी चर्चा करूंगा और उन्हें इस पूरे विषय से अवगत करवाया जाएगा। बता दें दीपावली के दिन वन विभाग ने आदिवासी परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस थमा दिया था, जिसके बाद सभी परिवार धरने पर बैठ गए थे।

'आंखों में शिवराज खटकता है'

शिवराज सिंह चौहान से पास ही खड़े एक युवक ने कहा कि यहां पर आदिवासियों को शिवराज सिंह चौहान ने बसाया है। जिसके बाद शिवराज सिंह ने जवाब देते हुए कहा कि ऐसे लोग जो मानसिक रूप से विकृत हैं इतनी जनता उनको दिखाई नहीं देती। उनकी आंखों में तो शिवराज सिंह चौहान खटकता है। जिनका राज यहां पर है उनको कह रहे हैं कि यह कहां से आ गए और उनको नोटिस दिए जा रहे हैं। यह जो कर रहे हैं वो विकृत मानसिकता के लोग हैं, यह पागलपन की बात है और इसे भारतीय जनता पार्टी की सरकार किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेगी।

दिवाली के पहले थमाए गए आदिवासियों को नोटिस

आगे पूर्व सीएम ने कहा कि तैयारी दिवाली के पर्व को मनाने की थी, लेकिन ठीक दिवाली के दिन गरीब भाइयों और बहनों को नोटिस हाथ में थमा दिए गए। ज़मीन उनकी जिंदगी है। ज़मीन जिस पर वर्षों से कब्ज़ा है, वो उनकी रोज़ी-रोटी का साधन है। ज़मीन जो उनके बुढ़ापे का सहारा है, ज़मीन जो उनके बच्चों का आसरा है।

Published on:
30 Oct 2025 02:22 pm
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