shahdol sewer line accident: शहडोल के कोनी में सीवर लाइन खुदाई के दौरान दो मजदूरों की दर्दनाक मौत ने ठेका कंपनी की लापरवाही और प्रशासन की सुस्ती की शर्मनाक तस्वीर उजागर कर दी। (mp news)
shahdol sewer line accident: शहडोल जिले के कोनी में सीवर लाइन खुदाई के दौरान बड़ा हादसा हो गया। करीब 13 फीट गहरे गड्ढे में काम कर रहे मजदूर महिपाल बैगा और मुकेश बैगा मिट्टी ढहने से दब गए। मौके पर कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं थे, न हेलमेट, न रस्सी, कुछ भी नहीं था। हादसे के वक्त आसपास काम कर रहे 10 से 12 मजदूर भी मदद करने की बजाय भाग गए। प्रशासन ने मदद पहुंचाने और रेस्क्यू ऑपरेशन देरी के कारण दोनों मजदूरों की मौत हो गई। खबर के अंत में देखें रेस्क्यू ऑपरेशन का वीडियो। (mp news)
स्थानीय लोगों ने बताया कि एक मजदूर का सिर बाहर दिख रहा था, उसकी सांसें चल रही थीं, पानी भी पिया, लेकिन 40 मिनट तक कोई मदद नहीं पहुंची। धीरे-धीरे वह भी मिट्टी में पूरी तरह दब गया। अगर समय पर बचाव कार्य होता, तो एक मज़दूर की जान बच सकती थी।
दोपहर 1 बजे बचाव अभियान शुरू हुआ। जेसीबी और एसडीईआरएफ की मदद से घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद पहले मज़दूर का हाथ दिखाई दिया। उसे निकालने में एक घंटा लग गया। दूसरा मज़दूर पूरी तरह मिट्टी में दब गया था, जिसे रात करीब 11:30 बजे बाहर निकाला जा सका।
दोपहर 12 बजे जब मिट्टी धंसी, तो कंपनी के अधिकारी और बाकी मज़दूर मौके से भाग गए। घायल महिपाल को बाहर निकालने की कोशिश कर रहे ग्रामीणों को भी कोई मदद नहीं मिली। हादसे के समय कंपनी का कोई भी ज़िम्मेदार कर्मचारी मौके पर मौजूद नहीं था।
यह घटना जिला मुख्यालय से मात्र 10 किलोमीटर दूर हुई, फिर भी प्रशासनिक अमला ढाई घंटे बाद मौके पर पहुंचा। अधिकारियों के पहुंचने तक ग्रामीणों और मजदूरों की मदद से रेस्क्यू जारी था। यह प्रशासनिक सुस्ती भी सवालों के घेरे में है।
172 करोड़ रुपये की यह परियोजना दिसंबर 2021 में शुरू हुई थी। समय पर काम पूरा न करने पर कंपनी को दो बार विस्तार मिला। अब 30 जून 2025 की समय सीमा भी समाप्त हो गई है, लेकिन फिर भी काम अधूरा है।
नगरपालिका ने 25 दिन पहले सीवर खुदाई से होने वाली समस्याओं के संबंध में पत्र लिखा था, लेकिन कंपनी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। खुदाई के बाद वहाँ मिट्टी डाल दी गई, जिससे संकरी जगह और खतरनाक हो गई। (mp news)