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समझाइश देने के बाद भी बस संचालक नहीं माने, अव्यवस्था ने ले ली आरक्षक की जान

आरक्षक की मौत ने खोली बस स्टैंड में अव्यवस्थाओं की पोल

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शहडोल. बस स्टैंड में पुलिस आरक्षक महेश पाठक की मौत की खबर लगते ही उनका बड़ा बेटा सचिन पाठक भी घटना स्थल पहुंच गया। वह अपने पिता का शव देखकर बेहोश हो गया। वह बार-बार अपने पिता के शव से लिपट कर उनके साथ बिताए पल को याद कर बेसुध हो जाता था, जिसे पुलिसकर्मियों ने दूर ले जाकर एक वाहन में बिठा दिया। बस स्टैंड में हुए इस हादसे नेे बस संचालकों की मनमानी की पोल भी खोल कर रख दी है। हादसे के तुरंत बाद आनन-फानन में बस संचालकों ने स्टैंड में खड़ी अव्यवस्थित बसों को हटा दिया।

डेढ़ साल से कोतवाली थाने में थे पदस्थ

महेश पाठक मूलत: रीवा के पास एक गांव के रहने वाले थे, कोतवाली में बीते डेढ़ साल से अपनी सेवाएं दे रहे थे। परिवार में पत्नी व दो बेटे थे। बड़ा बेटा सचिन पाठक 25 वर्ष शहडोल में साथ रहता था, जबकि छोटा बेटा नितिन पाठक 23 वर्ष ट्रेनिंग करता था, जो बाहर था। घटना की खबर लगते ही आरक्षक के पूरे परिवार के साथ ही पुलिस विभाग में शोक की लहर दौड़ गई। जिसने भी घटना के बारे में सुना वह अपने आप को रोक नहीं पाया और पीडि़त परिवार से मिलने पहुंच गया।

नवंबर के पहले सप्ताह हुई थी बैठक

बस स्टैंड में बस संचालकों की मनमानी व अव्यवस्थित तरीके से बसों की पार्किंग को लेकर यातायात विभाग ने नवंबर के पहले सप्ताह में बस संचालकों की एक बैठक आयोजित की थी। पुलिस ने बसों की टाइमिंग को लेकर निर्देशित किया था कि स्टैंड में 15 मिनट पहले ही बसों का प्रवेश किया जाए। वहीं बाहर से आने वाली बसों को सवारी उतारने के बाद स्टैंड से बाहर किया जाए, जिससे बस स्टैंड में यात्रियों को सुविधा के साथ ही दबाव कम होगा। इसके साथ ही 15 दिन पहले भी यहां यातायात पुलिस अव्यवस्थित तरीके से खड़ी बसों पर कार्रवाई करते हुए हटाने निर्देशित किया था। इसके बाद भी बस संचालकों की मनमानी नहीं थमी, जिसके कारण एक आरक्षक की मौत हो गई।

हादसे को लेकर पत्रिका ने चेताया था

बस स्टैंड में अव्यस्थित तरीके से खड़ी बसों से बढ रहे हादसे की आशंका को लेकर पत्रिका ने प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी, लेकिन इसके बाद भी जिम्मेदारों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। समय रहते अगर मामले को संज्ञान में लिया जाता, तो शायद आज एक आरक्षक अपने परिवार के बीच होता।

डीएसपी ने कराया हादसे का रिक्रिएशन

पुलिस आरक्षक की मौत के बाद डीएसपी हेड क्वार्टर राघवेन्द्र द्विवेदी मौके पर पहुंचे। उन्होंने यातायात प्रभारी के साथ एक बस में बैठकर हादसे का रिक्रिएशन कराया, जिससे यह पता लग सके कि आरक्षक की मौत हादसे से हुई है या फिर जानबूझकर घटना को अंजाम दिया गया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि महेश पाठक रोज की तरह दोपहर करीब 2 बजे खाना खाने जाते थे। जानेे से पहले वह बस स्टैंड का राउंड कर बसों को व्यवस्थित कराने निकले थे और इसी दौरान तेज रफ्तार बस ने उन्हें रौंद दिया।

इनका कहना
घटना का निरीक्षण कर जांच के निर्देश दिए गए हैं, घटना के बाद बस चालक मौके से भाग गया है, जिसकी तलाश की जा रही है, जबकि बस को जब्त कर लिया गया है।
राघवेन्द्र द्विवेदी, डीएसपी मुख्यालय