शहडोल

विश्वविद्यालय में ओरा मैपिंग से मन, शरीर व चेतना की परतें पढऩे की तैयारी

शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में शुरू होगा ओरा मैपिंग रिसर्च प्रोजेक्ट

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Nov 09, 2025

शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में शुरू होगा ओरा मैपिंग रिसर्च प्रोजेक्ट
शहडोल. प्रकृति के बीच बसे पं. शंभूनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय में इन दिनों कुछ ऐसा प्रयास है, जो किसी साधारण शैक्षणिक पहल से कहीं अधिक व्यापक अर्थ लिए हुए है। यह ओरा मैपिंग रिसर्च प्रोजेक्ट की पहल है। यहां विद्यार्थियों के व्यवहार, भावनाओं, तनाव, ऊर्जा और चेतना की परतों को वैज्ञानिक और सांस्कृतिक दोनों आयामों में समझने की कोशिश करेगा। इस रिसर्च के कर्लियन फोटोग्राफी कैमरा लगभग 4 लाख रुपए की लागत वाला विशेष उपकरण मुख्य रहेगा। यह कैमरा व्यक्ति की त्वचा और शरीर से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक उत्सर्जन को पकड़ता है। फिर उन सूक्ष्म तरंगों को रंगों में बदलकर बताता है कि शरीर की ऊर्जा स्थिति कैसी है।

15 हजार विद्यार्थियों की हेल्थ हिस्ट्री

विश्वविद्यालय ने पहले से ही आरोग्यम ऐप के माध्यम से विद्यार्थियों का स्वास्थ्य, आदतें, तनाव स्तर, नींद पैटर्न और जीवनशैली संबंधी डेटा एकत्र किया है। यह डेटा अब ओरा रीडिंग्स से जोड़ा जाएगा। इस जोड़ से पता चल सकेगा किकौन सी जीवनशैली ऊर्जा को स्थिर रखती है, किन विद्यार्थियों को मानसिक स्वास्थ्य हस्तक्षेप की आवश्यकता हो सकती है।

ध्यान करने वाले और सामान्य छात्रों के बीच करेंगे तुलना

यह प्रोजेक्ट अध्ययन के साथ एक प्रयोग भी है। विश्वविद्यालय में कुछ विद्यार्थी प्रतिदिन शाम में ध्यान और बीज मंत्र उच्चारण का अभ्यास करते हैं। रिसर्च में इन विद्यार्थियों के ओरा को उन छात्रों के ओरा से तुलना की जाएगी, जो ध्यान नहीं करते। यह तुलना बताएगी कि क्या ध्यान वास्तव में मानसिक संतुलन को स्थाई बनाता है? क्या आध्यात्मिक अभ्यास शरीर की ऊर्जा को स्थिर या शांत करता है? क्या चेतना का अभ्यास व्यवहार और निर्णय क्षमता को प्रभावित करता है

सेंटर बनाया, ऊर्जा रीडिंग्स पर काम शुरू

प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी डॉ. मनीषा शुक्ला को सौंपी गई है। टीम ने रिसर्च प्रक्रिया के पहले चरण में प्रेक्षण, डेटा संग्रह और प्रारंभिक ऊर्जा रीडिंग्स पर काम शुरू कर दिया है।

ओरा: जिसे देखना आसान नहीं, पर महसूस करना संभव

कुलगुरू कहते हैं, प्राचीन भारतीय और पूर्वी आध्यात्मिक परंपराएं कहती हैं कि मनुष्य केवल शरीर नहीं, बल्कि ऊर्जा का एक जीवित क्षेत्र भी है। जिसे ओरा कहा जाता है। यह क्षेत्र शरीर के बाहर एक सूक्ष्म परत की तरह फैला रहता है, जिसका रंग, चमक और आकार व्यक्ति की मानसिक स्थिति, भावनाओं, स्वास्थ्य और चेतन बताता है। इसे ह्यूमन एनर्जी फील्ड का नाम देती है, लेकिन अब पहली बार शहडोल का विश्वविद्यालय इसे मापने, रिकॉर्ड करने और तुलना करने के लिए आगे आया है।


इनका कहना

ओरा मैपिंग रिसर्च प्रोजेक्ट को लेकर कार्य किया जा रहा है। इसके लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। ओरा एक प्रकार का विकिरण है इससे भौतिक, मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक स्थिति का आकलन किया जा सकता है।
प्रो. रामशंकर, कुलगुरु, पंडित शंभूनाथ शुक्ल यूनिवर्सिटी, शहडोल

Published on:
09 Nov 2025 12:28 pm
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