शामली जिले के झिंझाना थाना क्षेत्र में यूपी एसटीएफ ने सोमवार देर रात मुठभेड़ में कग्गा गैंग के 4 बदमाशों को मार गिराया।इस एनकाउंटर में इंस्पेक्टर सुनील कुमार घायल हो गए जो आज बलिदान हो गए।
शामली एनकाउंटर में बदमाशों के साथ मुठभेड़ में घायल इंस्पेक्टर सुनील कुमार बुधवार को शहीद हो गए, गोलियों से उनका लिवर छलनी हो गया था। घायलावस्था में इंस्पेक्टर सुनील को गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके दो गाेलियां निकाल दी थीं लेकिन इंस्पेक्टर को बचाया नहीं जा सका।
जानकारी के मुताबिक शहीद इंस्पेक्टर सुनील कुमार मेरठ के मसूरी गांव के रहने वाले निवासी सुनील कुमार एक सितंबर 1990 को यूपी पुलिस में सिपाही पद पर भर्ती हुए थे।उन्होंने 1997 में मानेसर हरियाणा में कमांडो कोर्स किया।7 अगस्त 2002 हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रोन्नत हुए। इसके बाद 1 जनवरी 2009 से वह स्पेशल टास्क फोर्स में आ गए। 16 साल से वह एसटीएफ में ही थे। 7 अगस्त 2002 हेड कॉन्स्टेबल के पद पर प्रोन्नत हुए।
पुलिस जानकारी के मुताबिक 13 मार्च 2008 को जनपद फतेहपुर में हुई पुलिस मुठभेड़ में ओप्रकाश उर्फ उमर केवट को मार गिराने की घटना में अदम्य साहस हेतु उनको 16 सितंबर 2011 में आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर हेड कॉन्स्टेबल से प्लाटून कमांडर पर प्रोन्नत किया गया, 22 अप्रैल 2020 को दलनायक के पद पर प्रोन्नत किया गया।वह ददुआ समेत ठोकिया समेत कई एनकाउंटर में शामिल रहे। कई बदमाशों को उन्होंने मार गिराने में अहम भूमिका निभाई है। इसके अलावा अनिल दुजाना, आदेश, धीरज को मार गिराने में भी सुनील ने अहम योगदान दिया था।
बलिदानी इंस्पेक्टर सुनील कुमार को सीएम योगी ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी, उन्होंने कहा कि मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। सरकार ने घोषणा की है कि शहीद के परिजनों को ₹50 लाख की आर्थिक सहायता तथा उनके परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाएगी। साथ ही संबंधित जनपद की एक सड़क का नामकरण भी बलिदानी सुनील कुमार जी नाम पर किया जाएगा।प्रदेश सरकार हर परिस्थिति में शहीद के परिजनों के साथ है, उन्हें हर संभव मदद प्रदान की जाएगी।