mp news: स्टे ऑर्डर को फरियादी के पक्ष में करने के एवज में 50 हजार रुपये रिश्वत मांग रहा था एसडीएम का स्टेनो ।
mp news: मध्यप्रदेश में रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के सीधी जिले का है जहां एसडीएम के स्टेनो को लोकायुक्त रीवा की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है। रिश्वतखोर स्टेनो ने आवेदक से 50 हजार रुपये रिश्वत मांगी थी और 25 हजार रुपये पहले ही ले चुका था।
सीधी जिले की चुरहट तहसील के पड़खुरी गांव में रहने वाले आवेदक गजेन्द्र सिंह पटेल ने 23 दिसंबर को लोकायुक्त कार्यालय रीवा में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में आवेदक ने बताया था कि ग्राम पड़खुरी में मेरी पुस्तैनी भूमि है । मेरे भाई सुरेंद्र कुमार पटेल के स्वर्गवास होने के बाद उक्त भूमि को मेरी भाभी ललिता पटेल द्वारा अपने नाम करवा लिया था। पुस्तैनी जमीन होने के कारण मेरे स्वर्गवासी भाई स्वर्गीय सुरेंद्र पटेल द्वारा हम दो भाई एवं भतीजा विवेक सिंह के नाम वसीयतनामा दे चुके थे। उक्त भूमि का वारिसनामा हेतु अपील अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील चुरहट में की थी। जिस पर अनुविभागीय अधिकारी द्वारा स्थगत आदेश जारी किया गया था। स्थगन आदेश को अपने पक्ष में करवाने के लिए जब वो कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व तहसील चुरहट जिला सीधी में पदस्थ स्टेनो रामहित तिवारी से मिला तो उसने 50 हजार रुपये रिश्वत की मांग की ।
लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की जांच की इसी बीच रिश्वतखोर स्टेनो रामहित तिवारी ने आवेदक गजेन्द्र सिंह से 25 हजार रुपये रिश्वत की पहली किस्त के तौर पर ले लिए। शिकायत सही पाए जाने पर शुक्रवार को लोकायुक्त की टीम ने जाल बिछाया और रिश्वत के 10 हजार रुपये देने के लिए आवेदक गजेन्द्र को रिश्वतखोर स्टेनो रामहित तिवारी के पास भेजा। स्टेनो रामहित तिवारी ने चुरहट बीछी रोड स्थित किराना दुकान पर रिश्वत देने के लिए आवेदक को बुलाया और रिश्वत के 10 हजार रुपये जैसे ही लिए तो सादे कपड़ों में मौजूद लोकायुक्त की टीम ने उसे रंगेहाथों धरदबोचा। आरोपी के विरुद्ध धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 संशोधन अधिनियम 2018 के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया गया है।