
lokayukta caught Women and Child Development Project Officer taking bribe 5000 Rs (source-patrika)
mp news: मध्यप्रदेशमें रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई का सिलसिला लगातार जारी है। लगभग हर दूसरे दिन कहीं न कहीं लोकायुक्त रिश्वतखोर अधिकारी-कर्मचारियों को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ रही है लेकिन इसके बावजूद रिश्वतखोर बाज आते नजर नहीं आ रहे हैं। ताजा मामला मध्यप्रदेश के देवास जिले का है जहां महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी को लोकायुक्त की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगेहाथों पकड़ा है।
देवास जिले में महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी रामप्रवेश तिवारी के पास बागली घाट का भी प्रभार है। बागली घाट परियोजना में ही प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर काम करने वाले प्रीतेश तंवर नाम के फरियादी से अधिकारी रामप्रवेश तिवारी ने 18 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। फरियादी प्रीतेश तंवर के मुताबिक अधिकारी रामप्रवेश तिवारी ने उससे कहा कि अगर आगे काम करना है तो दो महीने की सैलरी 18 हजार रुपये रिश्वत के रूप में देनी होगी। उसने 4 हजार रुपये पहले ही अधिकारी को दे दिए थे जिसके बाद उसने लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में की थी। लोकायुक्त की टीम ने शिकायत की जांच की तो शिकायत सही पाई गई जिसके बाद लोकायुक्त ने रिश्वतखोर अधिकारी को पकड़ने के लिए जाल बिछाया।
लोकायुक्त उज्जैन की टीम ने फरियादी प्रीतेश तंवर को रिश्वत के 5 हजार रुपये देकर रिश्वतखोर अधिकारी राजप्रवेश तिवारी को फोन करवाया। अधिकारी ने कहा कि वो कलेक्टर के द्वारा बुलाई गई बैठक के लिए देवास जा रहा है रिश्वत की रकम वहीं लेकर आ जाओ। इसके बाद फरियादी देवास में महिला बाल विकास के ऑफिस पहुंचा जहां इंतजार करने के बाद अधिकारी रामप्रवेश तिवारी आए और कार में फरियादी को बैठाकर ले गए। इसी दौरान कार में रिश्वत की रकम अधिकारी ने ली जिसके बाद लोकायुक्त की टीम ने कलेक्टर की बैठक में पहुंचने से पहले ही रिश्वतखोर अधिकारी रामप्रवेश तिवारी को रंगेहाथों धरदबोचा।
Updated on:
10 Dec 2025 04:34 pm
Published on:
10 Dec 2025 03:52 pm
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