सीकर

Khatu Shyam Fair 2025: बाबा खाटूश्याम का मेला आज से, मंदिर तक ऐसे पहुंचे श्रद्धालु; इन बातों का रखें विशेष ध्यान

Khatu shyam Fair 2025: बाबा खाटूश्याम का वार्षिक फाल्गुन मेला आज से शुरू होगा। आइए जानें मेले में कौनसे रास्ते से जाएं और कौन-कौनसी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

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Feb 28, 2025

सीकर। बाबा खाटूश्याम का वार्षिक फाल्गुन मेला आज से शुरू होगा। श्रद्धालुओं के लिए आज शाम 5 बजे से मंदिर में दर्शन शुरू हो जाएंगे। इस बार आठ देशों के फूलों से बाबा श्याम का दरबार सजाया गया है। 11 मार्च तक चलने वाले मेले में देश के अलग-अलग राज्यों से लाखों भक्तों के आने की संभावना है। ऐसे में इस बार सुरक्षा के लिए खास इंतजाम किए गए है।

खाटू आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार पहले रींगस रोड पर नगरपालिका के सामने से गुणगान नगर के रास्ते से मुख्य प्रवेश मार्ग से प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद कुमावत कृषि फार्म से भक्तों को 75 फीट के मुख्य मेला मैदान से 14 सीधी लाइनों से मंदिर में पहुंचना होगा।

आठ देशों के फूलों से सजा दरबार

इस बार मंदिर परिसर को होलेंड, साउथ अफ्रीका, कोलंबिया, न्यूजीलैंड, चीन, इटली, बैंकाक के हाइडेंजिया, पिनोनोप्सी, इंपोशिया, डिशबर्ड, रेड बेरी, ऑर्चिड सहित 20 प्रकार की विभिन्न प्रजाती के फूलों सहित भारत के गुलाब, कार्निशियन, लीली एंथोरियम, एल्कोनिया, किशतिवाम सहित 65 किस्म के फूलों से सजाया गया है।

पदयात्री: रींगस रोड से होगा प्रवेश, कम हुई दूरी

पदयात्री केवल रींगस मोड़ से ही खाटूश्यामजी आ सकेंगे। उनकी वापसी भी उसी मार्ग से होगी। बाबा श्याम के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं को खाटूश्यामजी में करीब 12 किमी की पदयात्रा करनी होगी। जो पहले करीब 15 किमी की थी।

वाहन: मंढा मोड़ से प्रवेश, शाहपुरा से निकासी

मेले में वाहनों का प्रवेश एनएच 52 स्थित मंढा मोड़ से होगा। इस रूट से वाहन हनुमानपुरा होते हुए रींगस रोड पर बनी 52 बीघा सरकारी पार्किंग में पहुंचेंगे। वाहनों की निकासी शाहपुरा होते हुए एनएच 52 से होगी। जरूरत के हिसाब से अलोदा व सांवलपुरा रूट को भी काम लिया जाएगा। दांतारामगढ़ से आने वाले श्रद्धालु सीधे लखदातारा मैदान में प्रवेश मिल सकेगा।

श्रद्धालु इन बातों का रखें विशेष ध्यान

-वीआईपी दर्शन की कोई व्यवस्था नहीं है।
-आठ फीट से अधिक ऊंचाई के निशान नहीं लेकर जाएं।
-मंदिर में कांटेदार गुलाब नहीं लेकर जा सकेंगे।
-कांच की बोतल में इत्र ले जाने पर भी पाबंदी है।
-छोटे-बड़े डीजे पर मेला परिसर में पूरी तरह पाबंदी है।
-ढोल नगाड़ों को तोरण द्वार से आगे प्रवेश नहीं।

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