राजस्थान के सीकर जिले में अवैध रॉयल्टी वसूली का काला धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। खनिज विभाग की रसीद के बजाय रायल्टी ठेकेदार अपनी अलग पर्चियां काटकर वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। जो खनिज विभाग की तय राशि से दो से तीन गुना ज्यादा है। इस वसूली के लिए जगह-जगह अवैध […]
राजस्थान के सीकर जिले में अवैध रॉयल्टी वसूली का काला धंधा धड़ल्ले से चल रहा है। खनिज विभाग की रसीद के बजाय रायल्टी ठेकेदार अपनी अलग पर्चियां काटकर वाहन चालकों से अवैध वसूली कर रहे हैं। जो खनिज विभाग की तय राशि से दो से तीन गुना ज्यादा है। इस वसूली के लिए जगह-जगह अवैध नाके बनाकर वे वाहन चालकों से गुंडागर्दी भी करते हैं। मामले में पत्रिका के हाथ दांतारामगढ़ इलाके की अवैध वसूली की पर्चियां भी हाथ लगी है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि रॉयल्टी ठेकेदार किस तरह से सरकार को लाखों का राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं।राजस्थान के सीकर
दांतारामगढ़ क्षेत्र में लीजधारकों की और से बाज्यावास, बल्लुपुरा, काटीया, हीरवास व सवाईपुरा सहित कई जगहों पर पत्थर खनन का कार्य होता है। जिन्हें ले जाते समय रॉयल्टी ठेकेदार खनिज विभाग की तय राशि से दो से तीन गुना राशि वसूल रहे हैं। मसलन, 12 चक्का डंपर में 22 टन वजन पर तय दर 50रू प्रति मैट्रिक टन के हिसाब से 1100 रुपए रायल्टी शुल्क होने पर भी ये तीन हजार से 3200 रुपए तक वसूल रहे हैं। ट्रैक्टर ट्राली चालकों से भी 200रू की बजाय 500 से 600 रूपए तक वसूले जा रहे हैं।
रॉयल्टी ठेकेदारों की मनमानी से अकेले दांतारामगढ़ में ही सरकार को लाखों की चपत लग रही है। यहां रोजाना करीब 900 से 1000 ट्रैक्टर ट्रॉली और 500 से 600 डंपर खनन कर स्टोन क्रेशर सीकर सहित अन्य जगहों पर ले जाते हैं। जिनसे लाखों की कमाई कर ठेकेदार सरकार को बड़ा चूना लगा रहे हैं।
दांतारामगढ नानूराम मातवा, हरदेव जाट, संदीप वर्मा, रमेश वर्मा, दलीप सिंह, मोहन सिंह व सुरेंद्र सिंह ने बताया अवैध वसूली का खेल लंबे समय से चल रहा है। जिसके खिलाफ खनिज अभियंता से लेकर कलक्टर तक को ज्ञापन दिया जा चुका है। पर प्रशासन मामले में औपचारिक कार्यवाही से आगे नहीं बढ़ रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि खनिज विभाग की मिलीभगत से ही ये खेल चल रहा है। ग्रामीणों ने अब एसीबी जयपुर तथा खनिज विभाग जयपुर व उदयपुर को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है।
रॉयल्टी ठेकेदार खनिज विभाग द्वारा तय जगह पर ही नाका स्थापित कर खनन परिवहन पर रॉयल्टी ले सकते हैं। इसके लिए खनिज विभाग की रसीद बुक ही काम ली जाती है। पर इससे इतर ठेकेदार जगह-जगह नाके बनाकर अपनी निजी पर्चियों से मनमर्जी की वसूली कर खनिज विभाग को रोजाना लाखों की चपत लगा रहे हैं।
इसकी जांच करवाता हूं। यदि कहीं कोई अवैध गतिविधी है तो कार्रवाई की जाएगी।
छगन लाल,एमई झुंझुनूं (कार्यकारी प्रभारी, सीकर)