सीकर

पिछले मास्टर प्लान में बस स्टैण्ड को शिफ्ट किया, इस मास्टर प्लान में खेल स्टेडियम को

शिक्षानगरी का मास्टर प्लान फुटबॉल बना हुआ है। डेढ़ साल से अटके मास्टर प्लान पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मुहर लगने के बाद भी मास्टर प्लान का प्रारूप जारी नहीं हो सका है।

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Jun 21, 2025

सीकर.

शिक्षानगरी का मास्टर प्लान फुटबॉल बना हुआ है। डेढ़ साल से अटके मास्टर प्लान पर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की मुहर लगने के बाद भी मास्टर प्लान का प्रारूप जारी नहीं हो सका है। 2031 के मास्टर प्लान में प्रस्तावित खेल स्टेडियम की जगह बदलने को लेकर फिर से दर्ज शिकायत के बाद समीक्षा हुई है। सूत्रों का दावा है कि सरकार स्तर पर 25 जून तक समीक्षा का काम पूरा होने के बाद ही मास्टर प्लान जारी होगा। दरअसल, रियल एस्टेट कारोबार से जुड़े कुछ लोगों ने शहरहित में दूसरे फैसले नहीं लेने पर शिकायत दी थी। इसमें बताया कि मास्टर प्लान 2031 में प्रस्तावित फतेहपुर बस स्टैण्ड की जमीन को भी जोनल प्लान में बदल दिया गया। इसमें आरोप लगाया कि पहले फतेहपुर रोड बस स्टैण्ड की जगह को दूसरे जोन में चुपके से शिफ्ट कर दिया गया। इस प्लान में खेल स्टेडियम को दूसरे जोन में शिफ्ट किया गया है। इससे मास्टर प्लान का पूरा स्वरूप बिगड़ने की संभावना है।

जयपुर-झुंझुनूं बाईपास का स्टेडियम चंदपुरा में होगा शिफ्ट

मास्टर प्लान 2041 में जयपुर-झुंझुनूं बाईपास को चंदपुरा जोन में शिफ्ट करने की संभावना है। क्योंकि इस जोन में ही फिलहाल काफी सरकारी जमीन है। इस जोन में सरकारी जमीन होते हुए निजी क्षेत्र को सुविधा क्षेत्र में शामिल करने की तैयारी को लेकर काफी नाराजगी है।

मास्टर प्लान इसलिए जरूरी...

-मास्टर प्लान शहर के विकास का पॉलिसी दस्तावेज है। इसमें पूरे शहर का विकास का वृहद प्लान शामिल है। मसलन, शहर के किस इलाके में भू-उपयोग आवासीय, संस्थानिक, कॉमर्शियल होगा।

-रोड नेटवर्क से लेकर परिवहन, मनोरंजन, आवास से जुड़ा खाका खींचा जाता है। इसमें क्षेत्रवार विकास का प्लान होता है।

-जन सुविधा के लिए जगह आरक्षित की जाती है। इकोलोजिकल, हरियाली और पहाड़ी क्षेत्र के संरक्षण के लिए भी जगह चिन्हित होती है।

डेढ़ साल से अटका मास्टर प्लान

शिक्षानगरी का पिछले डेढ़ साल से मास्टर प्लान अटका हुआ है। पिछले डेढ़ साल में विभाग की ओर से कई बार मास्टर प्लान को जारी करने के लिए कई तरह के दावे किए गए। लेकिन मास्टर प्लान अटका रहा। मास्टर प्लान के अटकने से रियल एस्टेट सेक्टर को काफी झटका लगा रहा है।

मास्टर प्लान के दायरे में आएंगे यह गांव-ढाणी

प्रस्तावित मास्टर प्लान में 50 गांव-ढाणियों को सीकर नगरीय सीमा में शामिल किए जाने का प्रावधान है। इसमें सबलपुरा, भैरूपुरा, शिवसिंहपुरा, कुड़ली, हरदयालपुरा, नानी, चंदपुरा, बजाज नगर, खीचड़ो का बास, ढासा की ढाणी, रामू का बास, दुजोद, पालवास, रामपुरा, पुरा की ढाणी, घोराणा, चारण का बास, आसपुरा, भढाडर, झीगर छोटी, शास्त्री नगर, बाजौर, हर्ष, हीरामल नगर, ढाका की ढाणी, जगमालपुरा, भादवासी, कटराथल, दादली, समर्थपुरा, ढाणी नाथावतान, ढाणी सालिम सिंह, देवीपुरा, दुला की ढाणी, राधाकिशनपुरा, गोकुलपुरा, चैनपुरा, कंवरपुरा, संतोषपुरा, बालाजी भैरूजी नगर, नला का बालाजी, देवलानाड़ा, बलरामपुरा, चैलासी, किरडोली, झीगर बड़ी, देवगढ़, मलकेड़ा व पीपल्यानगर आदि शामिल है।

Updated on:
21 Jun 2025 12:37 pm
Published on:
21 Jun 2025 12:36 pm
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