सीकर. यह खरीफ सीजन की फसलों में नुकसान की मार झेल चुके किसानों के लिए राहत की बात है। मानसून बपर बारिश और अनुकूल मौसम रहने से कृषि खंड में इस बार रबी सीजन की बुवाई ने कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
सीकर. यह खरीफ सीजन की फसलों में नुकसान की मार झेल चुके किसानों के लिए राहत की बात है। मानसून बपर बारिश और अनुकूल मौसम रहने से कृषि खंड में इस बार रबी सीजन की बुवाई ने कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बरसों बाद सीकर कृषि खंड में पहली बार चना का बुवाई क्षेत्र लक्ष्य से ज्यादा पहुंच गया है। इधर किसानों का तारामीरा की बुवाई के प्रति भी रुझान बढ़ा है। कई जगह तो खेतों में अगेती फसल अंकुरित होकर नजर भी आने लगी है। कई किसानों ने फसलों में उर्वरकों का भी छिडकाव शुरू कर दिया है। जिले में कई किसानों ने बारानी खेतों में भी चना व तारामीरा की बुवाई की है।
कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार इस बार अंचल में रिकार्ड बुवाई हुई है। सीकर कृषि खंड के चार जिले (सीकर, नागौर, झुंझुनूं, डीडवाना- कुचामन) में लक्ष्य की तुलना में दलहन की बुवाई 109 प्रतिशत, चना की बुवाई 112 प्रतिशत हो चुकी है। वहीं सीकर खंड में अब तक रबी की 85 प्रतिशत तक बुवाई पूरी हो चुकी है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार सब कुछ ठीक रहा तो इस बार का रबी सीजन रिकॉर्ड बुवाई और उत्पादकता वाला साबित हो सकता है। गौरतलब है कि इस बार सीजन में शेखावाटी अंचल के चारों जिलों में 10 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फसलों की बुवाई का लक्ष्य रखा गया है।
फसल— बुवाई
गेहूं-48993 हेक्टेयर
जौ-27763 हेक्टेयर
दलहन-76756 हेक्टेयर
चना-63909 हेक्टेयर
सरसों-82519 हेक्टेयर
तारामीरा-11194 हेक्टेय
किसानों के अनुसार मानसून सीजन में हुई बारिश के कारण खेतों में नमी की मात्रा पर्याप्त रही। जिससे समय पर रबी की अगेती फसलों की बुवाई की गई। मिट्टी की गुणवत्ता बरकरार रहने से प्रति बीघा फसलों का उत्पादन भी बढ़ने के आसार है। रबी सीजन में आमतौर पर अगेती फसल सर्दी की चपेट में आ जाती है इसे देखते हुए किसानों ने जिले की प्रमुख नकदी फसल सरसों की बुवाई के प्रति कम रुझान दिखाया है। किसानों के अनुसार आने वाले 40 दिन तक तापमान में अत्यधिक गिरावट या शीतलहर नहीं आती, तो इस बार जिले का रबी उत्पादन नया रिकॉर्ड बना सकता है।
रबी सीजन के दौरान किसानों का चना और तारामीरा की बुवाई के प्रति रुझान बढ़ा है। मौसम के अनुकूल रहने से इस बार किसानों ने असिंचित खेतों में भी चना और तारामीरा बोया है। इससे रकबा बढ़ने की राह खुली है। मौसम अनुकूल रहने पर प्रति बीघा फसलों का उत्पादन बढ़ने की उमीद है। इससे किसानों के साथ विभाग को भी फायदा होगा।
शिवजीराम कटारिया, अतिरिक्त निदेशक, कृषि खंड सीकर