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रूप कंवर सती कांड: 37 साल बाद कोर्ट ने 8 आरोपियों को किया बरी, चिता पर जिंदा जलने से कांप उठा था देश

Roop kanwar Sati Case: 37 साल पहले सीकर जिले में हुए रूप कंवर सती प्रकरण में बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने महिमामंडन करने के सभी 8 आरोपियों को बरी किया है।

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Oct 09, 2024

Roop kanwar Sati Case: राजस्थान के सीकर जिले के दिवराला गांव में करीब 37 साल पहले हुए रूप कंवर सती प्रकरण में बुधवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सती प्रथा के महिमामंडन करने के सभी 8 आरोपियों को दोष मुक्त किया है। महेंद्र सिंह, दशरथ सिंह, श्रवण सिंह सहित 8 आरोपी आज बरी हुए हैं। यह फैसला विशिष्ट न्यायालय सती निवारण जयपुर द्वितीय ने सुनाया है। आरोपियों की ओर से एडवोकेट अमनचैन सिंह शेखावत ने पैरवी की है।

संदेह का लाभ देते हुए किया बरी

घटना से जुड़े वकील ने बताया कि कोर्ट ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सती निवारण अधिनियम की धारा-5 में पुलिस ने सभी को आरोपी बनाया हैं। यह धारा कहती है कि आप सती प्रथा का महिमा मंडन नहीं कर सकते हैं। लेकिन इस धारा में आरोप साबित करने के लिए जरूरी है कि धारा-3 के तहत सती होने की कोई घटना हुई हो।

वकील ने आगे जानकारी दी कि पुलिस ने पत्रावली पर सती होने की किसी भी तरह की घटना का कोई जिक्र नहीं किया। इसके अलावा मामला दर्ज करने वाले पुलिसकर्मियों और गवाहों ने भी इन आरोपियों की पहचान नहीं की। ऐसे में कोर्ट ने सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।

राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा गरमाया था

दरअसल, सीकर जिले के दिवराला गांव की रूप कंवर 4 सितंबर 1987 को पति की चिता के साथ जिंदा जल गई थी। इस घटना से उस समय पूरा देश कांप उठा था। मामला सार्वजनिक होने के बाद उस समय इस पर प्रदेशभर में काफी बवाल मचा था। राष्ट्रीय स्तर पर यह मुद्दा गरमाया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री हरिदेव जोशी के निर्देश पर पुलिस ने जांच करते हुए 45 लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया था।

सीकर जिले में 1987 में हुई थी घटना

बता दें, रूप कंवर की शादी सीकर जिले के दिवराला निवासी माल सिंह शेखावत के साथ 1987 में हुई थी। शादी के 7 माह बाद गंभीर बीमारी से माल सिंह की मौत हो गई थी। माना जाता है कि पति के निधन के बाद रूप कंवर ने सती होने की इच्छा जताई और 4 सितंबर, 1987 को पति के साथ सती हो गई थी। भारत में सती होने का यह आखिरी मामला था। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने रूप कंवर को सती मां का दर्जा दिया और वहां मंदिर बनवाया हुआ है।

यहां देखें वीडियो-

Updated on:
09 Oct 2024 06:52 pm
Published on:
09 Oct 2024 05:02 pm
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