सीकर

फर्स्ट क्लास में पढ़ने वाली 6 साल की बच्ची सुना रही ‘नानी बाई का मायरा’, कृष्ण-राधा को मानती है मामा-मामी

Nani Bai Ka Mayara: सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में इन दिनों हो रही नानी बाई के मायरे की कथा खासी सुर्खियों में हैं। चर्चा इस कथा के वाचक को लेकर है, जो महज छह साल की बच्ची है।

2 min read
May 11, 2024

Famous Kathavachak Krishna Kishori Vyas: सीकर जिले के फतेहपुर कस्बे में इन दिनों हो रही नानी बाई के मायरे की कथा खासी सुर्खियों में हैं। चर्चा इस कथा के वाचक को लेकर है, जो महज छह साल की बच्ची है। कृष्णा किशोरी व्यास नाम की ये मासूम कथा का मर्म भी जिस मिठास से कहती है, वह भी श्रोताओं का मन मुग्ध कर रहा है।

बालपन के भोले लहजे व भावों से घुले उसके भक्ति गीत भी लोगों को विभोर कर झूमने पर मजबूर कर रहे हैं। पहली कक्षा में पढ़ने वाली पहली कथा कर रही फतेहपुर निवासी कृष्णा भगवान श्रीकृष्ण को अपना मामा व राधा को अपनी मामी मानती है। लक्ष्मी नारायण मंदिर में निशुल्क कथा कर रही कृष्णा का लगातार तीन घंटे तक बिना पढ़े कथा का वाचन करना भी सबके लिए अचरज का विषय है। कथा में आ रहा पूरा चढ़ावा भी वह मंदिर में दान कर रही है।

खुद सुनाया भजन, तो हैरत में पड़ा परिवार

कथा की प्रेरणा के बारे में कृष्णा के पिता महेश व्यास ने बताया कि प्रसिद्ध राजस्थानी फिल्म सुपातर बीनणी के लेखक उनके पिता बनवारीलाल व्यास ने नानी बाई का मायरा अपनी अलग शैली में लिखा था। करीब तीन महीने पहले वह उसे गा रहे थे तो पास बैठी कृष्णा ने भी उसे अपने आप गाना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने हारमोनियम पर उसे अभ्यास शुरू करवाया। कृष्णा व उनका परिवार भविष्य में भी भागवत कथाओं के माध्यम से मानव कल्याण के पक्ष में है।

दादा की रिकॉर्डिंग सुन 20 दिन में सीखी कथा

फतेहपुर के वार्ड 25 निवासी कृष्णा ने नानी बाई के मायरे की कथा दादा बनवारीलाल व्यास की रिकॉर्डिंग सुनकर सीखी है। वे लेखक व कथावाचक थे। उनकी कथाओं की रिकॉर्डिंग परिवार ने सहेज कर रख रखी है। कृष्णा के जन्म से 13 साल पहले दादा बनवारीलाल का निधन हो गया था। कृष्णा के पिता ने बताया कि महज 20 दिन में ही कृष्णा ने पूरी कथा व भजन याद कर लिए।

मोबाइल, कार्टून व फास्ट फूड से दूरी, भोग लगाकर खाती है खाना

कृष्णा की दिनचर्या भी सात्विक व अन्य बच्चों से अलग हटकर है। मां विजयश्री ने बताया कि कृष्णा मोबाइल, कार्टून सीरियल व फास्ट फूड से दूर रहती है। टीवी में केवल वह महादेव सीरियल ही देखती है। सुबह पांच बजे उठकर सूर्य को अर्घ्य देने और भगवान को भोग लगाने के बाद ही वह कुछ खाती है।

वृंदावन में कृष्ण- राधा को देख बोली- ये मेरे मामा- मामी

पिता ने बताया कि चार भाई- बहनों में सबसे छोटी कृष्णा किशोरी को वृंदावन जाने का बहुत चाव है। जब उसे पहली बार लेकर गए तो उसने कृष्ण राधा की मूर्ति देख उन्हें मामा व मामी कहकर संबोधित किया। तब से अब तक भी वह उन्हें इसी नाम से पुकारती है।

Published on:
11 May 2024 10:30 am
Also Read
View All

अगली खबर