सीकर

खाटूश्याम जी मंदिर कब जाएं और कैसे करें दर्शन? यहां पढ़े पूरी यात्रा गाइड

खाटू श्याम मंदिर में प्रतिदिन पांच आरतियां होती हैं, जिनका समय सर्दी और गर्मी के अनुसार थोड़ा बदलता रहता है। गर्मियों में पहली आरती मंगला आरती प्रातः 4:30 बजे होती है, जबकि सर्दियों में यह 5:30 बजे संपन्न की जाती है।

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Oct 12, 2025
खाटूश्यामजी मंदिर (फाइल फोटो- पत्रिका)

राजस्थान के सीकर जिले में बना खाटूश्यामजी मंदिर धार्मिक आस्था का बड़ा केंद्र माना जाता है। यह मंदिर भगवान कृष्ण के कलयुगी अवतार श्याम बाबा को समर्पित है, जिन्हें भक्त 'हारे का सहारा' और 'तीन बाण धारी' के नाम से पुकारते हैं। हर साल लाखों भक्त यहां अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। मान्यता है कि बाबा कभी खाली हाथ नहीं लौटने देते।

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मंदिर में दर्शन के लिए किस समय जाएं?

मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों को कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में अगर आप प्लानिंग के साथ इस मंदिर के लिए जाते हैं, तो ना सिर्फ आसानी से बाबा के दर्शन कर पाएंगे, बल्कि उन्हें जी भरकर निहार भी सकते हैं। ऐसे में आपको यात्रा की प्लानिंग इस तरह करनी होगी, ताकि आप अल सुबह ही मंदिर पहुंच जाएं।

सुबह 6 बजे के करीब कम इंतजार में बाबा के दर्शन हो सकते हैं। हालांकि वीकेंड, एकादशी और फाल्गुन मेले जैसे त्योहारों के दिनों में खाटू श्याम मंदिर में काफी अधिक भीड़ होती है और इंतजार का समय भी लंबा हो सकता है। वहीं जन्माष्टमी, देवउठनी एकादशी (कार्तिक शुक्ल एकादशी) पर विशेष उत्सव होते हैं।

कैसे पहुंचे खाटूश्यामजी मंदिर

  • स्थान: खाटू कस्बा, सीकर जिला, राजस्थान
  • निकटतम रेलवे स्टेशन: रींगस जंक्शन (लगभग 17 किमी)
  • निकटतम एयरपोर्ट: जयपुर (लगभग 80 किमी)
  • सड़क मार्ग: जयपुर, सीकर, झुंझुनूं, दिल्ली और हरियाणा से सीधी बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

दिन में पांच बार होती है आरती

खाटू श्याम मंदिर में प्रतिदिन पांच आरतियां होती हैं, जिनका समय सर्दी और गर्मी के अनुसार थोड़ा बदलता रहता है। गर्मियों में पहली आरती मंगला आरती प्रातः 4:30 बजे होती है, जबकि सर्दियों में यह 5:30 बजे संपन्न की जाती है। इसके बाद श्रृंगार आरती का समय गर्मियों में सुबह 7:00 बजे और सर्दियों में सुबह 8:00 बजे निर्धारित है।

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दिन के मध्य में भोग आरती दोपहर 12:30 बजे, दोनों मौसमों में एक ही समय पर की जाती है। शाम को मंदिर में संध्या आरती होती है, जो गर्मियों में शाम 7:30 बजे और सर्दियों में शाम 6:30 बजे होती है। दिन का समापन शयन आरती से किया जाता है, गर्मियों में रात 10:00 बजे और सर्दियों में रात 9:00 बजे होती है।

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