Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले की लाड़ली बहनों को बड़ा झटका लगा है।
Ladli Behna Yojana: मध्यप्रदेश के सिंगरौली जिले से बड़ी खबर सामने आई है। जिन लाड़ली बहनों के खाते मप्र ग्रामीण बैंक में हैं। उनकी दिवाली इस बार फीकी पड़ सकती है। सीएम डॉ मोहन यादव के द्वारा लाड़ली बहनों के खाते में 29वीं किस्त ट्रांसफर की जा चुकी है, लेकिन बैंक की खाताधारक महिलाएं अभी भी पैसों से वंचित हैं।
दरअसल, ग्रामीण बैंक में दो महीने से तकनीकि दिक्कत बनी हुई है। जिसके कारण खातों में राशि न तो दिख रही है और न ही निकाली जा सकती है। बैंक प्रबंधन भी इस समस्या का समाधान नहीं कर पा रहा है। गौरतलब है कि एक मई 2025 को मध्यांचल ग्रामीण बैंक का विलय मप्र ग्रामीण बैंक में किया गया। विलय के बाद बैंक का स्पॉन्सर संस्थान बदलकर बैंक ऑफ इंडिया कर दिया गया। नाम बदलने के बाद सेवाए पहले जैसी ही रहीं, लेकिन अब बैंक में सॉफ्टवेयर माइग्रेशन प्रक्रिया चल रही है, जिससे खाता संचालन में परेशानी उत्पन्न हो रही है। उपभोक्ता बैंक आ रहे हैं पर खाते में आई राशि न तो निकाली जा रही है, न जमा की जा रही है। बैंक अधिकारियों का कहना है कि प्रक्रिया में अभी लगभग एक माह और लगेगा।
उपभोक्ता रामरती पटेल ने बताया कि मेरा खाता मप्र ग्रामीण बैंक में है, किंतु दो माह से चेक ही नहीं कर पा रही हूं कि लाड़ली बहना योजना की राशि आई या नहीं, बैंक जाती हूं तो सर्वर खराब होने की बात कहकर वापस कर दिया जाता है।
उपभोक्ता अस्मिता पांडेय ने कहा, दीपावली का त्यौहार आने वाला है, जिसमें घर में बच्चों के लिए खरीदी सहित साफ-सफाई के लिए रुपए की जरूरत पड़ती है, किंतु विगत दो माह से मप्र ग्रामीण बैंक में खाता होने के कारण राशि ही नहीं मिल रही है।
इधर, सिंगरौली एलडीएम नितिन पटेल का कहना है कि पहले मध्यांचल बैंक के नाम से शाखाएं संचालित होती थी, जिसका स्पाउंसर स्टेट बैंक आफ इंडिया थी, जिसका साफ्ट वेयर अलग था, अब नाम बदलकर मप्र ग्रामीण बैंक रख दिया गया है, तो अब स्पाउंसर बैंक ऑफ इंडिया हो गई है, जिसमें साफ्टवेयर फिनैकल काम करता है, वहीं आईएफसी कोड भी बदल चुका है, इस कारण दिक्कतें आ रही थी, अब उपभोक्ता आवेदन संबंधित शाखा में कर दे तो तीन चार दिन के अंदर समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।