RAS Exam: 15 फरवरी को आरएएस मुख्य परीक्षा पर प्रोफेसर ने किया जबरदस्त खुलासा शीर्षक से एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है।
जयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) की आरएएस मुख्य परीक्षा की मूल्यांकन प्रणाली से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद विवाद खड़ा हो गया है। इस वीडियो को अपलोड करने वाले भरतपुर स्थित एक कोचिंग संचालक के खिलाफ आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए नोटिस जारी किया है। संबंधित व्यक्ति को 7 दिनों के भीतर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया गया है, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वीडियो में एक तथाकथित विशेषज्ञ को परीक्षा का मूल्यांकनकर्ता बताते हुए गोपनीय जानकारी साझा करते दिखाया गया है। आयोग ने जनता से भी इस मामले में कोई ठोस जानकारी होने पर तुरंत सूचित करने की अपील की है।
राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आरएएस मुख्य परीक्षा मूल्यांकन प्रणाली से संबंधित वीडियो अपलोड करने वाले कोचिंग संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी की जा रही है। संबंधित व्यक्ति को आयोग द्वारा इस आशय का नोटिस जारी करते हुए आगामी 24 फरवरी तक स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण संतोषजनक न होने पर संबंधित व्यक्तियों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
आयोग सचिव ने बताया कि सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए वीडियो की संक्षिप्त छानबीन में वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति तथा उसके द्वारा संचालित कोचिंग संस्थान के विषय में प्राथमिक जानकारी प्राप्त होने पर वह भरतपुर के कोचिंग संस्थान का संचालक प्रतीत होता है।
आयोग की ओर से संबंधित व्यक्ति को नोटिस जारी कर आयोग की गोपनीयता भंग करने से संबंधित आपराधिक कृत्य के संबंध में 7 दिवस में स्पष्टीकरण के साथ ही वीडियो में जिन विशेषज्ञों के साथ वार्ता होना बताया है, उनका नाम एवं विवरण भी मांगा गया है।
आयोग के मुख्य परीक्षा नियंत्रक आशुतोष गुप्ता ने इसी संबंध में बताया कि वीडियो अपलोड करने वाले व्यक्ति तथा कोचिंग संस्थान के पते एवं कार्यस्थल से संबंधित कोई अन्य जानकारी यदि किसी के पास हो तो इस संबंध में आयोग को अवश्य सूचित करें, ताकि प्रकरण में त्वरित कार्यवाही की जा सके।
उल्लेखनीय है कि 15 फरवरी को आरएएस मुख्य परीक्षा पर प्रोफेसर ने किया जबरदस्त खुलासा शीर्षक से एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है। इस वीडियो में तथाकथित विशेषज्ञ को कथित रूप से आरएएस मुख्य परीक्षा का मूल्यांकनकर्ता बताते हुए वार्तालाप करते हुए बताया गया है। इसके साथ ही वीडियो में सभी कंटेंट ओरिजनल होने तथा कानूनी बाध्यता के कारण तथाकथित प्रोफेसर के जवाब को किसी और की आवाज में रूपांतरित करने का भी उल्लेख किया गया था। आयोग द्वारा की गई जांच में यह भी सामने आया कि संबंधित कोचिंग संचालक द्वारा स्वयं के व्हाट्सएप चैनल पर आयोग की गोपनीय प्रणाली से संबंधित हस्तलिखित प्रश्नोत्तरी भी अपलोड की गई थी।