
जयपुर। राजस्थान में प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है। कर्मचारी चयन बोर्ड ने प्रश्नपत्र के पैटर्न में संशोधन का फैसला किया है, जिसकी शुरुआत अप्रैल में होने वाली जेल प्रहरी परीक्षा से होगी। यह फैसला एक ऑनलाइन सर्वे के आधार पर लिया गया, जिसमें 23,612 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। सर्वे में 73% अभ्यर्थियों ने हिंदी और अंग्रेजी को आमने-सामने रखने की मांग की, जिससे प्रश्न हल करना आसान होगा। अब आने वाली परीक्षाओं में इसी पैटर्न को अपनाया जाएगा। क्या यह नया फॉर्मेट परीक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा? जानिए इस महत्वपूर्ण बदलाव की पूरी कहानी!
इस फैसले की नींव तब पड़ी जब बोर्ड अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर एक ऑनलाइन सर्वे किया। इस सर्वे में 23,612 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया और तीन तरह के विकल्पों पर अपनी राय दी।
ऑनलाइन सर्वे रिपोर्ट
स्पष्ट था कि अधिकांश परीक्षार्थियों (73%) ने यह चाहा कि प्रश्नपत्र में हिंदी और अंग्रेजी एक साथ आमने-सामने हों, जिससे प्रश्नों को समझने में आसानी हो और परीक्षा का समय बचाया जा सके। इस सर्वे के परिणामों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने तुरंत यह बदलाव लागू करने का निर्णय लिया।
इस बदलाव से परीक्षार्थियों को निश्चित रूप से लाभ होगा। पहले कई परीक्षाओं में हिंदी और अंग्रेजी में प्रश्न अलग-अलग कॉलम या सेक्शन में दिए जाते थे, जिससे भाषा परिवर्तन में समय बर्बाद होता था। लेकिन अब दोनों भाषाओं को आमने-सामने रखने से छात्र अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी भाषा में प्रश्न को पढ़ सकते हैं और उत्तर दे सकते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया पैटर्न परीक्षा में सटीकता और गति को बढ़ावा देगा। हिंदी भाषी और अंग्रेजी माध्यम के विद्यार्थियों के बीच समानता बनी रहेगी और भाषा के कारण कोई छात्र पीछे नहीं रहेगा।
Updated on:
15 Feb 2025 10:55 pm
Published on:
15 Feb 2025 10:50 pm
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