सीकर मेडिकल कॉलेज से सबद्ध कल्याण अस्पताल में अब नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी में मनमानी पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू की है। इसके तहत अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों को महीने में हर शिफ्ट सुबह, शाम और रात्रि में अनिवार्य रूप से ड्यूटी करनी होगी।
सीकर. सीकर मेडिकल कॉलेज से सबद्ध कल्याण अस्पताल में अब नर्सिंग कर्मियों की ड्यूटी में मनमानी पर अंकुश लगाने की कवायद शुरू की है। इसके तहत अस्पताल के नर्सिंगकर्मियों को महीने में हर शिफ्ट सुबह, शाम और रात्रि में अनिवार्य रूप से ड्यूटी करनी होगी। इसके लिए अस्पताल प्रबंधन ने कमेटी गठित कर दी है, जो कर्मचारियों की उपस्थिति और ड्यूटी चार्ट की समीक्षा कर निगरानी रखेगी। साथ ही अस्पताल के नए ड्यूटी चार्ट को ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा। ड्यूटी लगाने के बाद संबंधित के किसी भी शिफ्ट से लगातार बचने या बिना कारण अनुपस्थित रहने पर नोटिस व वेतन कटौती की कार्रवाई की अनुशंषा की जाएगी। इस नई व्यवस्था को दीपावली के बाद लागू करने की योजना है।
अस्पताल प्रशासन की ओर से लागू की जा रही इस कवायद के कई फायदे बताए जा रहे हैं। अच्छी बात है कि इस नई व्यवस्था में स्टॉफ की लगातार नाइट होने से संबंधित कर्मचारी की कार्यक्षमता भी प्रभावित नहीं होगी। वार्डों में मरीजों को बेहतर सेवाएं मिल सकेगी वहीं नर्सिंग स्टॉफ को भी प्रत्येक वार्ड में काम करने का अनुभव मिल सकेगा।
सीकर के सबसे बड़े सरकारी कल्याण अस्पताल में फिलहाल करीब ढाई सौ से ज्यादा नर्सिंगकर्मी कार्यरत हैं। इनमें से लगभग 40 प्रतिशत नर्सें एक ही शिफ्ट में लगातार ड्यूटी कर रही हैं। इससे नाइट और ईवनिंग शिफ्ट में स्टाफ की कमी बनी रहती है और मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ती है। कई बार आपसी समायोजन और अनुपस्थिति के कारण वार्डों में सेवाएं प्रभावित होती हैं। नई व्यवस्था के तहत हर नर्स को महीने में कम से कम 8 नाइट ड्यूटी, 10 मॉर्निंग ड्यूटी और 12 इवनिंग ड्यूटी करनी होगी। नाइट ड्यूटी के बाद मॉर्निंग व इवनिंग ड्यूटी लगने से संबंधित कर्मचारी को कुछ हद तक आराम मिलेगा। इससे वह तरोताजा होकर नई ड्यूटी के दौरान मरीज को बेहतर सेवाएं दे सकेगा। अगले चरण में चिकित्सकों की ड्यूटी भी नई व्यवस्था के तहत लगाई जाएगी।
प्रत्येक स्टॉफ की तीन शिफ्ट में ड्यूटी लगने से कर्मचारियों में फैला असंतोष कम होगा। साथ ही इससे ड्यूटी में पारदर्शिता के साथ-साथ व्यवस्था में भी सुधार होगा तथा इससे मरीजो को दी जाने वाली सेवा की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
डॉ. केके अग्रवाल, अधीक्षक कल्याण अस्पताल