जयपुर

Eye Health: शुगर की बीमारी दे सकती है अंधेपन का न्योता, समय रहते न संभले तो पछतावा तय

Prevent Blindness: कहीं आपकी आंखों की रोशनी भी तो खतरे में नहीं? चुपचाप बढ़ रहा है यह जानलेवा खतरा। रेटिनोपैथी से अंधता का खतरा, जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार।

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Nov 21, 2025
Eye Floaters (photo- freepik)

Diabetes Awareness: जयपुर. देश में तेजी से बढ़ती डायबिटीज अब केवल शुगर की बीमारी नहीं रही, बल्कि यह आंखों की रोशनी के लिए भी गंभीर खतरा बनती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में करीब 10 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं, जबकि राजस्थान में यह संख्या लगभग 70 लाख तक पहुंच चुकी है। बदलती जीवनशैली, खानपान में असंतुलन और शारीरिक गतिविधियों की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। इसका सीधा असर आंखों की रेटिना पर पड़ता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसी गंभीर बीमारी जन्म लेती है, जो धीरे-धीरे अंधता का कारण बन सकती है।

वर्ल्ड डायबिटीज डे के अवसर पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने बताया कि शहरी क्षेत्रों में 18 प्रतिशत और ग्रामीण इलाकों में 10.4 प्रतिशत डायबिटिक मरीजों में रेटिनोपैथी के लक्षण पाए गए हैं। यह आंकड़े इस बात की चेतावनी हैं कि यदि समय रहते जांच व इलाज नहीं हुआ तो लाखों लोग स्थायी दृष्टि हानि का शिकार हो सकते हैं। जयपुर के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. विशाल अग्रवाल ने बताया कि मधुमेह के कारण आंखों की रक्त वाहिनियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे रेटिना में सूजन और खून का रिसाव होने लगता है, जो अंततः दृष्टि को प्रभावित करता है।

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इसी को ध्यान में रखते हुए डायबिटिक रेटिनोपैथी के लिए वर्ष 2025 के राष्ट्रीय दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें स्क्रीनिंग मॉडल, रेफरल सिस्टम और उपचार प्रोटोकॉल को शामिल किया गया है। विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमेह से पीड़ित हर व्यक्ति को वर्ष में कम से कम एक बार रेटिना की जांच अवश्य करानी चाहिए, चाहे दृष्टि में कोई समस्या महसूस हो या नहीं।

जागरूकता अभियान के तहत आमजन को यह समझाना आवश्यक है कि डायबिटीज का नियंत्रण केवल दवाओं से नहीं, बल्कि संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और स्वास्थ्य जांच से संभव है। समय-समय पर ब्लड शुगर की जांच, ब्लड प्रेशर पर नियंत्रण और धूम्रपान से दूरी भी आंखों की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

विशेषज्ञों ने अपील की है कि सरकार, स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संगठन मिलकर व्यापक स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाएं, ताकि लोगों को डायबिटिक रेटिनोपैथी के खतरे और इसके बचाव के उपायों की सही जानकारी मिल सके। जागरूकता ही वह साधन है, जो समय रहते अंधता के इस खतरे को रोशनी में बदल सकता है।

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Updated on:
21 Nov 2025 09:48 am
Published on:
21 Nov 2025 09:42 am
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