अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए अस्पताल के दवा भंडार में लगे हुए सभी फार्मासिस्ट को निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर तैनात करने का निर्णय लिया है।
सीकर. मेडिकल कॉलेज से सबद्ध कल्याण अस्पताल में अब मरीजों को गलत दवा या दुर्व्यवहार की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी। वजह अस्पताल प्रबंधन ने मरीजों की परेशानी को देखते हुए अस्पताल के दवा भंडार में लगे हुए सभी फार्मासिस्ट को निशुल्क दवा वितरण केन्द्र पर तैनात करने का निर्णय लिया है। प्रबंधन का मानना है कि दवा वितरण केन्द्रों पर अनुभवी स्टॉफ के होने से मरीजों को समय पर सही दवा और खुराक की जानकारी मिलेगी। इस कवायद का सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों से आने वाले दवाओं के बारे में कम जानकारी रखने वाले मरीजों को होगा। अस्पताल में फार्मासिस्टों की कमी के कारण मरीजों को होने वाली परेशानी को लेकर राजस्थान पत्रिका में समाचार प्रकाशन के बाद हरकत में आए अस्पताल प्रबंधन ने यह निर्णय लिया
कल्याण अस्पताल की औसत ओपीडी डेढ से दो हजार तक रहती है। अस्पताल में दो माह से फार्मासिस्ट नहीं होने के कारण आठ में से तीन से चार दवा वितरण केंद्र बंद रहते हैं। इसके चलते कई दवा वितरण केंद्र पर मरीजों को अनुभवहीन नर्सिंग स्टॉफ की ओर से दवाएं बांटी जा रही थी। इसके कारण मरीजों को दवाओं की पूरी जानकारी नहीं मिल पा रही थी। प्रबंधन का मानना है कि इस कवायद से मरीज को पर्ची के साथ ही सही दवा और खुराक की जानकारी मिल सकेगी। इससे गलत दवा वितरण की शिकायतों में 50 फीसदी से ज्यादा कमी आएगी। मरीजों को दवा के लिए इधर-उधर भटकने से काफी हद तक निजात मिल पाएगी।
फार्मासिस्ट की कमी के कारण निशुल्क दवा के लिए मरीजों को लबे समय से परेशानी हो रही थी। इसे देखते हुए अस्पताल में अन्य जगह लगे फार्मासिस्ट को दवा वितरण केंद्रों पर लगाया जाएगा। इससे मरीजों में अस्पताल के प्रति विश्वास और संतोष बढ़ेगा।
डॉ. केके अग्रवाल, अधीक्षक कल्याण अस्पताल