लोगों में बढ़ा रुझान, वन विभाग की नर्सरियों में पौध वितरण शुरू जिले में मानसून की बपर बारिश के बाद पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई। लोगों के रुझान को देखते हुए वन विभाग ने जिले की नर्सरियों में पौध वितरण शुरू कर दिया गया है। पौध वितरण के महज दो […]
लोगों में बढ़ा रुझान, वन विभाग की नर्सरियों में पौध वितरण शुरू
जिले में मानसून की बपर बारिश के बाद पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई। लोगों के रुझान को देखते हुए वन विभाग ने जिले की नर्सरियों में पौध वितरण शुरू कर दिया गया है। पौध वितरण के महज दो दिन में जिले तीन लाख से ज्यादा पौधे बांटे बांटे जा चुके हैं। कमोबेश लक्ष्मणगढ़, फतेहपुर, नीमकाथाना और खाटू श्यामजी क्षेत्र की नर्सरियों में दिनभर पौधे लेने के लिए लोगों की लाइन लग रही है। हाल यह है कि सुबह से नर्सरियों में लोगों की भीड़ लग जाती है। निजी नर्सरी की तुलना में पौधे की दर कम होने के कारण अकेले सीकर शहर की मुय नर्सरी से ही करीब 85,000 से ज्यादा पौधे बांटे गए। सीकर जिले में ग्रामीण अंचल के लोगों में इस बार नीम, शीशम, इमली, अरडू, अशोक, बिल्वपत्र, अमलताश, गुलमोहर, अर्जुन, खेजडी, अंजीर, स्टोपा, करंज, आंवला, गुलाब, अमरूद, गुडहल, पपीता, शहतूत, जामुन जैसे छायादार व औषधीय पौधों की मांग सबसे अधिक है। जबकि शहर के लोगों में इस बार सजावटी पौधों के प्रति लोगों का रुझान है। वहीं स्कूलों, सामाजिक संगठनों, पंचायत समितियों में पौधरोपण की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
वितरण दरें तय: वन विभाग की नर्सरियां में पौधों का वितरण उनकी साइज के हिसाब से होगा। कांटेदार प्रजाति के एक पौधे की दर पांच रुपए तय की गई है। छायादार व चौडी पत्ती वाले की दरें अलग है। दो फिट की ऊंचाई तक के पौधे छह रुपए, दो से तीन फीट का पौधा दस रुपए, तीन से पांच फिट का पौधा 15 रुपए, पांच से आठ फिट तक का पौधा 25 रुपए, आठ से दस फिट ऊंचा पौधा 50 रुपए और दस फिट से ज्यादा ऊंचा पौधा 75 रुपए के हिसाब से वितरित होंगे।
21 लाख पौधे तैयार
नर्सरी का नाम- पौधों की संख्या
देवीपुरा- 260000
नानी- 210000
प्रीतमपुरी- 310000
गोडियावास- 135000
लक्ष्मणगढ़- 230000
फतेहपुर- 65002
जोजोबा- 235000
बोपिया- 100000
बालाजी- 95000
रींगस- 275000
अजीतगढ़- 225000
इनका कहना है
समय से पहले मानसून के आने से पौध वितरण शुरू कर दिया गया है। पौधे लेने वालों में युवाओं और बच्चों की भागीदारी खास तौर पर बढ़ी है। नर्सरी में पहले आओ पहले पाओ के आधार पर पौधे बांटे जा रहे हैं।
गुलजारी लाल, उपवन सरंक्षक सीकर