नहरों में बुधवार से जलप्रवाह शुरू किया जा रहा है, लेकिन सिंचित क्षेत्र के किसानों के लिए खरीफ व रबी की फसलों को पानी पिलाने के लिए बनाई गई बायीं मुख्य नहर 6 दशक बाद भी पक्की नहीं होने से आधा पानी बह कर ड्रेनों के माध्यम से चंबल नदी में चला जाता है। इस बार नहरों में सफाई कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। नहरों की दीवारों के पत्थर पानी को आगे बढ़ने से रोकते हैं।
केशवरायपाटन. नहरों में बुधवार से जलप्रवाह शुरू किया जा रहा है, लेकिन सिंचित क्षेत्र के किसानों के लिए खरीफ व रबी की फसलों को पानी पिलाने के लिए बनाई गई बायीं मुख्य नहर 6 दशक बाद भी पक्की नहीं होने से आधा पानी बह कर ड्रेनों के माध्यम से चंबल नदी में चला जाता है। इस बार नहरों में सफाई कार्य शुरू ही नहीं हो पाया। नहरों की दीवारों के पत्थर पानी को आगे बढ़ने से रोकते हैं।
नहरी समस्याओं के प्रति राज्य सरकार व जल संसाधन विभाग गंभीर नहीं है। जर्जर हो चुकी नहरों को क्षमता से अधिक पानी छोड़ने के बाद भी कब कहां से टूट जाए कहना मुश्किल है। नहरों की पक्की दीवारें जगह जगह टुटी हुई है। बायीं मुय नहर के जीर्णोद्धार का कार्य कछुआ चाल चल रहा है। सीएडी की बायीं मुय नहर की कापरेन व केशवरायपाटन ब्रांच जगह जगह क्षतिग्रस्त पड़ी है।
वर्ष 2012 में सरकार ने बायीं व दायीं नहरों के लिए 12 सौ 75 करोड़ रुपए स्वीकृत किए थे। लबे समय बाद यह राशि नहरों के जीर्णोद्धार में खर्च नहरों कर पाए हैं। नहरों में जो कार्य हुआ वह भी घटिया निर्माण किया गया। शिकायतें करने के बाद भी जांच नहीं हो पाई। नहरों व माइनरों को पक्का करना का काम गति नहीं पकड़ पा रहा है, जो कार्य हुए उनमें गुणवत्ता का अभाव है।
बूंदी ब्रांच कैनाल में अधूरे निर्माण किए बंद
रामगंजबालाजी. बूंदी ब्रांच कैनाल में जल प्रवाह करने की तिथि घोषित हो गई हो, लेकिन अभी तक भी कई जगहों पर निर्माण कार्य चल रहे हैं।वहीं ब्रांच कैनाल में मिट्टी भरी होने से अब आगे पानी पहुंचाना सीएडी के लिए चुनौती साबित होगा। बूंदी ब्रांच कैनाल सहित इससे जुड़ी वितरिकाओं व माइनरों में चल रहे पक्के निर्माण कार्य को अब बन्द करना पड़ेगा।
पिछले कई दिनों से नहर में जल प्रवाह शुरू करने को लेकर सीएडी प्रशासन अलर्ट मोड पर था। अब नहरो में जल प्रवाह शुरू करने की तिथि घोषित होने के बाद में कई जगहों पर चल रहे निर्माण कार्यों को तुरंत प्रभाव से पानी नहीं आने से पहले पूर्व बंद करने को कहा गया है। सीएडी के अधीक्षक अभियंता, अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता व कनिष्ठ अभियंताओ ने नहरों की मरमत कार्यों का निरीक्षण करके कई जगह पर पूर्व से चल रहे निर्माण कार्यों को अंतिम चरण में पहुंचने के बाद में संवेदकों को कार्य बंद करने की हिदायत दी है।
हालांकि कई दिनों से दोलाड़ा, नंदपुरा वितरिकाओ सहित अन्य वितरिकाओं में व बूंदी ब्रांच कैनाल में पक्का निर्माण कार्य चल रहा था। बूंदी ब्रांच कैनाल में पक्का निर्माण कार्य करने के चलते संवेदक द्वारा रेलवे फाटक 45 के यहां पर मिट्टी भरने के बाद में उसे नहीं निकल गया। वहीं शेष चल रहे कार्य में भी सीएडी प्रशासन ने संवेदकों से पानी आने से पूर्व बन्द करने के निर्देश जारी किए हैं।
बूंदी ब्रांच कैनाल सहित अन्य नहरों में जल प्रवाह शुरू करने को लेकर कोई व्यवधान नहीं है। किसानों की मांग के अनुरूप किसानों को पानी मिलेगा।नहरों में चल रहे पक्के निर्माण कार्य जल प्रवाह शुरू होने की तिथि घोषित होने के बाद बंद करवा दिए गए हैं।
सुनील कुमार, अधिशासी अभियंता, सीएडी
नहरों की समय पर साफ सफाई नहीं होने से किसानों के खेतों तक पानी पहुंचने में परेशानी आती है। जर्जर नहरों की वजह से 25 प्रतिशत पानी व्यर्थ बह जाता है। अधिकारियों को समय पर नहरों में सफाई अभियान चलाना चाहिए ताकि पानी खेतों तक पहुंच सके।
दशरथ कुमार शर्मा, महामंत्री हाड़ौती किसान यूनियन कोटा