Firozpur feeder Reconstruction Project: मुख्यमंत्री भजनलाल साधुवाली गाजर मंडी का विधिवत शिलान्यास करने के साथ फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण कार्य का भी शिलान्यास करेंगे।
श्रीगंगानगर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा आज श्रीगंगानगर के एक दिवसीय दौरे पर रहेंगे। मुख्यमंत्री भजनलाल साधुवाली गाजर मंडी का विधिवत शिलान्यास करने के साथ फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण कार्य का भी शिलान्यास करेंगे। इसके बाद जनसभा को संबोधित करेंगे। फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण से गंगनहर में वर्षभर पानी की पर्याप्त आवक बनी रहेगी। किसान रबी व खरीफ फसलों की जरूरत के अनुसार सिंचाई कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री सुबह 11.30 बजे जयपुर से विशेष विमान से रवाना होकर दोपहर 12.20 बजे सूरतगढ़ एयरपोर्ट पहुंचेंगे। 12.25 बजे सूरतगढ़ से हेलीकॉप्टर से रवाना होकर दोपहर 12.45 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। दोपहर 2.30 बजे पहले सूरतगढ़ फिर फलौदी के लिए प्रस्थान करेंगे।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण की स्वीकृति राजस्थान सरकार का ऐतिहासिक और किसान हितैषी निर्णय है। उन्होंने कहा कि यह वर्षों पुरानी मांग थी, जिसके पूरा होने से जिले की सिंचाई प्रणाली मजबूत होगी और किसानों को स्थायी समाधान मिलेगा। राठौड़ ने कहा कि गंगनहर के 100 वर्ष पूरे होने का यह शताब्दी वर्ष महाराजा
गंगासिंह के सपने को आधुनिक रूप देने का अवसर है, जिसे सरकार संवेदनशीलता से आगे बढ़ा रही है। प्रदेश उपाध्यक्ष सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण को आधुनिक समय का भागीरथ प्रयास बताते हुए कहा कि यह परियोजना लाखों किसानों के भविष्य को नई दिशा देगी।
फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण के तहत आरडी 0 से 168.230 तक सीसी लाईनिंग, 2 हैड रेगूलेटरों का पुनर्निर्माण, 1 हैड रेगूलेटर का नव निर्माण, 1 क्रोस रेगूलेटर का पुनर्निर्माण, 19 वीआरबी/डीआरबी का पुननिर्माण, 3 रेलवे क्रॉसिंग ब्रिज का पुनर्निर्माण कार्य करवाया जाएगा। इन विकास कार्यों से हरिके बैराज में आने वाले अधिक पानी को फिरोजपुर फीडर में लाया जाएगा तथा इसका प्रत्यक्ष लाभ गंगनहर को होगा। इन पुनर्निर्माण कार्यों से गंगनहर के 3.14 लाख हैक्टेयर क्षेत्र के काश्तकार लाभान्वित होंगे तथा फसलों का उत्पादन भी बढ़ेगा।
बजट घोषणा वर्ष 2024-25 में फिरोजपुर फीडर के पुनर्निर्माण के लिए 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया था। केन्द्रीय जल आयोग द्वारा इस कार्य की डीपीआर स्वीकृति दी गई। इस परियोजना की कुल लागत 647.62 करोड़ रुपए है। इसमें पंजाब राज्य की हिस्सेदारी 379.12 करोड़ रुपए एवं राजस्थान राज्य की हिस्सेदारी 268.50 करोड़ रुपए है।