पत्रिका पड़ताल :700 से अधिक बाल वाहिनियों में उड़ रही सुरक्षा नियमों की धज्जियां चार विभागों की जिम्मेदारी, फिर भी अनदेखी हो रही
-स्कूल बस का रंग सुनहरी पीला होना चाहिए तथा बस के आगे और पीछे स्कूल ऑन ड्यूटी स्पष्ट रूप से लिखा होना अनिवार्य है।
-प्रत्येक बस, कैब या ऑटो के पीछे विद्यालय का नाम और फोन नंबर अंकित होना चाहिए, ताकि आपात स्थिति या चालक की लापरवाही पर तुरंत सूचना दी जा सके।
-बस में चालक का नाम, पता, लाइसेंस नंबर, मोबाइल नंबर, यातायात पुलिस व परिवहन विभाग का हेल्पलाइन नंबर तथा वाहन का पंजीयन क्रमांक कॉन्ट्रास्ट रंग में स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया जाना चाहिए।
-प्रत्येक बाल वाहिनी के पास परिवहन विभाग का वैध फिटनेस प्रमाणपत्र होना चाहिए।
-सभी स्कूल बसों में जीपीएस सिस्टम और स्पीड गवर्नर लगे होना अनिवार्य है।