श्री गंगानगर

बेसहारा-विमंदितों का संबल बनी गुरु भरोसा सेवा संस्था

सूरतगढ़.किशनपुरा आबादी क्षेत्र में संचालित गुुरु भरोसा सेवा संस्था बेसहारा अनाथ, मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग व गुमशुदा विशेष योग्यजन के लिए बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। करीब ग्यारह साल में राजस्थान सहित उतरप्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब व उत्तराखंड से दो सौ से ज्यादा बेसहारा व मानसिक रूप से कमजोर लोग आ चुके हैं। यहां ऐसे लोगों की सार-संभाल के साथ-साथ उपचार किया जाता है। साथ ही ऐसे लोगों को परिजन से मिलाने के प्रयास भी किए जाते हैं। अब तक 127 जने अपने घर लौट चुके हैं।

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सूरतगढ़.किशनपुरा आबादी क्षेत्र में संचालित गुुरु भरोसा सेवा संस्था बेसहारा अनाथ, मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग व गुमशुदा विशेष योग्यजन के लिए बड़ा सहारा बनकर सामने आया है। करीब ग्यारह साल में राजस्थान सहित उतरप्रदेश, बिहार, हरियाणा, पंजाब व उत्तराखंड से दो सौ से ज्यादा बेसहारा व मानसिक रूप से कमजोर लोग आ चुके हैं। यहां ऐसे लोगों की सार-संभाल के साथ-साथ उपचार किया जाता है। साथ ही ऐसे लोगों को परिजन से मिलाने के प्रयास भी किए जाते हैं। अब तक 127 जने अपने घर लौट चुके हैं।
गुुरु भरोसा सेवा संस्था के सेवादार सिंकदर सिंह ने दानदाताओं के सहयोग से वर्ष 2014 में वार्ड तीन में किराए के एक भवन में गुरुभरोसा सेवा संस्था शुरू की। वर्ष 2017 में संस्था को जनप्रतिनिधियों व नगरपालिका के प्रयास से किशनपुरा आबादी में एक भूखंड मिला। जनसहयोग से भवन निर्माण करवाया गया।

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ऐसे हुआ सेवा का सिलसिला शुरू

सेवादार सिकंदर ने बताया कि वे एक बार कुराली (पंजाब) गए थे। वहां हर प्रभ आसरा का संचालन शमशेर सिंह व उनकी पत्नी राजेन्द्र कौर कर रही थी। उनका सेवा भाव देखकर सूरतगढ़ में भी ऐसे बेसहारा लोगों की सेवा का प्रण लिया। वर्तमान में प्रबंधन कमेटी में 27 आजीवन सदस्य है। जन्मदिन व पुण्यतिथि पर लोग परिजनों के साथ यहां पहुंचते हैं तथा आर्थिक सहयोग देकर बेसहारा लोगों को भोजन भी करवाते हैं।

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भटकाव से मिलाप तक सेवा-संभाल

गुुरु भरोसा सेवा संस्था में अब तक 205 बेसहारा, दिव्यांग, मानसिक रूप से कमजोर लोग भटकते हुए संस्था पहुंचे। इसमें 89 महिला व 116 पुरुष शामिल है। अब तक 127 जनों को स्वस्थ कर घर भेजा जा चुका है। इसके तहत राजस्थान से 72, उत्तरप्रदेश से 12, बिहार से 8, हरियाणा से 4, पंजाब से 10 व उत्तराखंड के तीन जने शामिल हैं। सीएचसी के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. कैलाश सारस्वत की देखरेख में मानसिक रूप से कमजोर लोगों का इलाज करवाया जा रहा है। सार-संभाल व इलाज के बाद ये लोग अपने बारे में जानकारी देते हैं। इसके बाद सेवादारों की टीम सोशल मीडिया तथा संबंधित राज्य की पुलिस के माध्यम से ऐसे व्यक्ति के परिजनों तक पहुंचती है। प्रयासों के बाद परिजन बिछड़े सदस्यों को लेने सेवा संस्था पहुंचते हैं। मिलाप का दृश्य हर किसी को भावुक कर देता है। संस्था की परम्परा के तहत सेवादार माला पहनाकर ऐसे लोगों को विदाई देते हैं।

जन्मदिन व पुण्यतिथि पर करते हैं लोग सेवा

गुरु भरोसा सेवा समिति में लोग अपनों के जन्मदिन व पुण्यतिथि पर लोगों को लंगर व मिठाई की सेवा करते हैं। यहां सबसे खास बात यह है कि एक बार सेवा करने के बाद लोग हर वर्ष आकर सेवा करते हैं। उन लोगों का कहना है कि यहां जरूरतमंदों को भोजन करवाने में जो सुकून मिलता है, वह सबसे अलग अनुभव देता है। अगर जिन्दगी में कभी किसी को भलाई का कार्य करना है तो एक बार यहां भोजन समय के दौरान आकर सेवा अवश्य करनी चाहिए।

Published on:
23 Feb 2025 01:28 pm
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