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बीकानेर मंडल में अब प्लास्टिक मुक्त होंगे अमृत भारत रेलवे स्टेशन, प्लेटफार्मों पर लगेंगी क्रशिंग मशीनें

बीकानेर रेल मंडल में कुल 22 अमृत भारत रेलवे स्टेशन शामिल हैं लेकिन योजना के प्रथम चरण में यात्रीभार की दृष्टि से बड़े एवं महत्वपूर्ण अमृत भारत स्टेशनों पर ही यह प्लास्टिक क्रशिंग मशीनें लगाई जाएंगी।

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Suratgarh Railway station

सूरतगढ़ जंक्शन (फोटो-पत्रिका)

सूरतगढ़। अब अमृत भारत रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म प्लास्टिक कचरे से मुक्त होंगे। रेलवे की ओर से अमृत भारत स्टेशनों पर प्लास्टिक कचरे के निस्तारण व स्वच्छता को बेहतर बनाने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए प्लास्टिक क्रशिंग (कुचलना) और श्रेडिंग (टुकड़े करना) मशीनें स्थापित की जाएंगी। इसके तहत उत्तर पश्चिम रेलवे के चारों मंडलों जयपुर, जोधपुर, अजमेर व बीकानेर के चुनिंदा अमृत स्टेशनों पर इन मशीनों को लगाया जा रहा है।

मौजूदा समय में रेल मंडल मुख्यालयों पर प्लास्टिक क्रशिंग मशीनें स्थापित कर दी गई हैं। जबकि अन्य प्रमुख अमृत स्टेशनों पर आगामी वर्ष से यह सुविधा रेल यात्रियों को उपलब्ध होगी। यह पहल यात्रियों द्वारा उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतलें, चम्मच व गिलास सहित अन्य प्लास्टिक की चीजों को स्टेशन पर इधर-उधर फेंकने की बजाय इन मशीनों में डालने के लिए प्रोत्साहित करेगी। प्लास्टिक रिसाइकलिंग से जहां प्रदूषण की रोकथाम होगी, वहीं अमृत स्टेशनों पर स्वच्छता को चार चांद लगेंगे।

प्रथम चरण में चुनिंदा स्टेशनों पर लगेंगी मशीनें

बीकानेर मंडल में कुल 22 अमृत स्टेशन शामिल हैं लेकिन योजना के प्रथम चरण में यात्रीभार की दृष्टि से बड़े एवं महत्वपूर्ण अमृत स्टेशनों पर ही यह प्लास्टिक क्रशिंग मशीनें लगाई जाएंगी। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार प्रथम चरण में मंडल के सूरतगढ़, लालगढ़, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, हिसार, भिवानी, चरखी दादरी, चुरु, महेन्द्रगढ़, रतनगढ़, सिरसा आदि प्रमुख अमृत भारत रेलवे स्टेशनों पर यह मशीनें लगाई जानी प्रस्तावित हैं, जबकि शेष स्टेशनों पर दूसरे चरण में यह कार्य होगा। रेल मंडल मुख्यालय बीकानेर व लालगढ़ में यह क्रशिंग मशीनें पहले ही स्थापित की जा चुकी हैं। वहीं सूरतगढ़ अमृत स्टेशन के चारों प्लेटफार्म पर कुल दस क्रशिंग मशीनें लगाई जाएंगी।

प्लास्टिक कचरे से मुक्त होंगे प्लेटफार्म

अक्सर देखा जाता है कि यात्री रेलवे स्टेशनों पर पानी की बोतलों को उपयोग के बाद प्लेटफार्म या ट्रैक पर खुले में फेंक देते हैं। रेलवे स्टेशनों पर प्रतिमाह कई टन प्लास्टिक कचरा निकलता है, जो कि पर्यावरण व स्वच्छता दोनों के लिए गंभीर समस्या है। वहीं कुछ लोग खाली बोतलों को इकट्ठा करके, उनमें अनाधिकृत रूप से सामान्य पानी भरकर मिनरल वाटर का लेबल लगाकर स्टेशनों पर यात्रियों को दोबारा बेच देते हैं। अब अमृत रेलवे स्टेशनों पर प्लास्टिक क्रशिंग मशीनें लगने से प्लास्टिक अपशिष्ट की समस्या का स्थाई समाधान होगा। इन मशीनों के द्वारा प्लास्टिक को टुकड़ों में तोड़कर औद्योगिक इकाइयों में रिसाइकिलिंग के लिए भेजा जाएगा।

मशीन का उपयोग करना आसान

अमृत रेलवे स्टेशनों के सभी प्लेटफार्मों पर प्लास्टिक क्रशिंग मशीनें स्थापित की जाएंगी। इन मशीनों का उपयोग करना बेहद आसान है और यात्री इन्हें सरलता से संचालित कर सकते हैं। यात्रियों को सिर्फ उपयोग की गई प्लास्टिक की बोतल या अन्य प्लास्टिक सामग्री को मशीन में बनी निर्दिष्ट जगह में डालना होगा। इस प्रक्रिया में बोतल को ढक्कन सहित ही मशीन में डालना होगा। इसके बाद यह मशीन प्लास्टिक सामग्री को क्रश (कुचलेगी) और श्रेड (छोटे टुकड़ों में काटेगी) करेगी। इस प्रकार प्लास्टिक को आसानी से रिसाइकिलिंग के लिए तैयार किया जा सकेगा।

पर्यावरण सुरक्षा के साथ स्वच्छता को बढ़ावा

योजना के तहत बीकानेर रेल मंडल में यात्रीभार की दृष्टि से बड़े अमृत स्टेशनों के प्लेटफॉर्मों पर प्लास्टिक बोतल क्रशिंग व श्रेडिंग मशीनें लगाई जाएंगी। इससे प्लास्टिक कचरे से फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम होगी, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा। -भूपेश यादव, सीनियर डीसीएम, बीकानेर रेल मंडल।