- राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ के स्वंयसेवकों ने निकाला पथ संचलन
श्रीगंगानगर. एक सुर....एक ताल....और एक लय के बीच बेजोड़ अनुशासन। कदम-कदम पर फूलों की बारिश के बीच राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने की लालसा। कुछ ऐसा ही नजारा गुरुवार को राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की ओर से संघ के शताब्दी वर्ष में विजयदशमी के मौके पर निकाले गए पथ संचलन के दौरान देखने को मिला। इलाके में सौलह जगह पर पथ संचलन का आयोजन किया गया। जिला मुख्यालय पर तिलक और गौतम बस्ती के अलावा गांव धर्मसिंहवाला, चकमहाराजका, गणेशगढ़, चूनावढ, पदमपुर की विवेकानंद बस्ती, रायसिंहनगर की वाल्मीकि और गोकुल बस्ती, गजसिंहपुर की कच्ची बस्ती, चक 42 एच, कीकरवाली, केसरीिंसहपुर की हनुमान बस्ती, मिर्जेवाला, सादुलशहर की गुरुनानक बस्ती, लालगढ़ की जगदम्बा बस्ती में आयोजित पथ संचलन के दौरान जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। इसके पहले शस्त्र पूजन का कार्यक्रम हुआ। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि राष्ट्र को परम वैभव पर ले जाने सहित अन्य लक्ष्यों को लेकर 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। संघ अपनी विकास यात्रा के एक सौ बरस में प्रवेश कर चुका है। पथ संचलन का कई स्थानों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। लोगों ने चौराहों पर सतरंगी रंगोली सजाने के अलावा तोरणद्वार लगाए गए। संचलन देखने के लिए लोग सड़क किनारे रुके रहे। जिला मुख्यालय पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष पर चक 3 ई छोटी में िस्थत महालक्ष्मी एंक्लेव स्थित वंशी वाटिका में गुरुवार को पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवकों ने पथ संचलन में भाग लिया। स्थानीय तीन ई छोटी संघ दृष्टि से गौतम बुद्ध बस्ती के नागरिकों ने विभिन्न स्थानों पर पुष्प वर्षा कर पथ संचलन का स्वागत। मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नगर संघ डा. संजीव चुघ और मुख्य अतिथि के रूप में कथा वाचक किशोरी नंदिनी ने भारत मां व भगवान राम के चित्र पर माल्यार्पण और शस्त्र पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान स्वयंसेवकों ने व्यायाम प्रदर्शन किया गया।