सरिस्का से निकलकर ST-2303 नर बाघ का हमला बढ़ता जा रहा है। टाइगर ने मुंडावर के बाद अकबरपुर में भी हमला किया है। अब तक टाइगर के हमले में कई लोग घायल हो गए हैं।
Tiger attack in Alwar News: सरिस्का से निकलकर ST-2303 नर बाघ का हमला बढ़ता जा रहा है। टाइगर ने मुंडावर के बाद अकबरपुर में भी हमला किया है। अब तक टाइगर के हमले में कई लोग घायल हो गए हैं। अकबरपुर थाना अंतर्गत गुरुवार शाम को सिलीसेढ झील के समीप डोबा गांव के पहाड़ी पर भैंस चरा रहे सियाराम पुत्र किशन लाल हमले के बाद घायल हो गया। सूचना मिलने पर ग्रामीण एकत्रित हो गए। सियाराम को उपचार के लिए अलवर सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया जिसका उपचार जारी है।
अलवर जिले के ग्राम दरबारपुर, अहीर भगोला, तहसील मुंडावर के पास ST-2303 नर बाघ का मूवमेंट बना हुआ है। वन विभाग की 10 टीमें टाइगर को ट्रैक करने के प्रयास कर रही हैं। टाइगर के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग ने आप-पास के गांवों में अलर्ट जारी किया है। वन विभाग ने कहा है कि आम जन अपने-अपने घरों में रहें, जिससे की जन हानी होने की आशंका से बचा जा सके तथा एहतियात तौर पर सावधानी बरते तथा बाघ की सूचना मिलने पर संतोष कुमार सहायक वन संरक्षक सरिस्का के मोबाईल न. 9928641364 पर सूचना दें।
मुंडावर उपखंड के सीमावर्ती गांवों में 5 युवकों पर हमला कर दिया। गुरुवार सुबह करीब 5 बजे एक युवक पर हमला कर दिया। हमले के दौरान बाइक की रोशनी पड़ते ही टाइगर भागा और युवक की जान बची। इसके बाद तीन और युवकों पर हमला किया। टाइगर के कारण दरबारपुर अहीर भघोला और बासनी सहित आस-पास के ग्रामीणों में दहशत है।
बासनी गांव का रहने वाला विकास कुमार गुरुवार सुबह करीब 5 बजे ट्रेन से आया था। उसने अपने भाई को बाइक लेकर रेलवे स्टेशन उसे लेने बुलाया था। भाई का इंतजार करते हुए वह रोड पर पैदल ही निकलने लगा। इस दौरान अहीर भगोला गांव के रोड पर अचानक टाइगर ने उस पर हमला कर दिया। सामने से आ रहे भाई की बाइक की लाइट देखकर टाइगर भाग गया। टाइगर के हमले से विकास की एक भुजा पर घाव है और पीठ पर निशान हैं। युवक पर हमले के बाद टाइगर पास के गांव दरबारपुर की तरफ गया। करीब 11 बजे सतीश (45) पुत्र जगदीश, बीनू (30) पुत्र धर्मपाल और महेंद्र (33) पुत्र रामकिशन। सतीश के सबसे ज्यादा घाव है। छाती और हाथ के नीचे घाव आए हैं।
7 महीने पहले भी ये टाइगर जंगल से निकलकर रेवाड़ी तक चला गया था। उस समय हरियाणा बॉर्डर के आसपास गांव में वन कर्मियों पर हमला कर दिया था। जिसमें एक वनकर्मी को टाइगर ने दबोच लिया था लेकिन वह बच गया था। वहीं फॉरेस्टर बेहोश हो गया था। उससे पहले कोटकासिम के पास एक किसान पर हमला किया था। उसके बाद टाइगर वापस जंगल से खेतों में पहुंच गया है। खेती बड़ी होते ही जंगल से बाहर खेत में पहले सरसों व गेहूं की खेती खड़ी थी। तब टाइगर बाहर निकला था। अब बाजरे की खेती खड़ी है। इस कारण टाइगर निकल गया। अब बाजरे के खेतों में टाइगर को वनकर्मियों की टीम खंगालने में लगी है।