Amgaon coal mines: ग्रामीणों के विरोध के कारण अधिकारियों को लौटना पड़ा वापस, मुआवजा, नौकरी व विस्थापन की प्रक्रिया को लेकर थी नाराजगी
बिश्रामपुर. एसईसीएल विश्रामपुर क्षेत्र के आमगांव ओपन कास्ट परियोजना (Amgaon coal mines) को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से नए पैच का शुभारंभ करने अधिकारी ग्राम पंचायत पटना पहुंचे थे। लेकिन यहां पर उन्हें प्रभावित ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ गया। ग्रामीणों के मुताबिक उनकी तीन मांगे नौकरी, घर का मुआवजा और विस्थापन की राशि जब तक उन्हें प्रबंधन द्वारा नहीं दी जाएगी, तब तक वे खदान का शुभारंभ गांव में नहीं करने देंगे। पिछले कई वर्षों से प्रबंधन उन्हें गुमराह कर उनका अधिकार से वंचित कर रहा है। इसके लिए कई बार ग्रामीण विरोध प्रदर्शन एवं अनिश्चितकालीन हड़ताल कर चुके हैं।
गौरतलब है कि एसईसीएल प्रबंधन द्वारा शनिवार को आमगांव परियोजना (Amgaon coal mines) के नए पैच का शुभारंभ पटना गांव में किया जाना था, लेकिन प्रभावित गांव के ग्रामीणों ने एकजुट होकर मांगें पूरा होने तक खदान के शुभारंभ का जमकर विरोध करते हुए अधिकारियों के प्रति नाराजगी जाहिर की।
ग्रामीणों का कहना है कि लोगों के मुआवजा, नौकरी व विस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण कराए बगैर ही प्रबंधन द्वारा यहां नए पैच का कार्य शुरू किया जा रहा था, इसी वजह से लोगों द्वारा विरोध कर अपनी आपत्ति दर्ज कराई गई है।
ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रबंधन (Amgaon coal mines) की टीम बैरंग ही पटना गांव से वापस लौट गई है। इस दौरान गांव की सरपंच विमला सिंह के अलावा उमाशंकर, बेचन, मालती देवी, प्राण पति व अन्य लोग उपस्थित रहे।
ग्रामीणों का कहना था कि प्रबंधन द्वारा दावा किया जाता है कि वर्ष 2006 में भूमि का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन वर्ष 2017-2018 में यहां पर प्रबंधन द्वारा मुआवजा राशि देने की प्रक्रिया शुरू की गई है।
साथ ही गांव के 334 लोगों की भूमि का अधिग्रहण (Amgaon coal mines) किया गया है, इसमें 464 लोगों को नौकरी दिए जाने की प्रक्रिया पूर्ण की जानी है और अब तक महज करीब सवा सौ लोगों को ही नौकरी देने का कार्य किया जा सका है।