
बिश्रामपुर. SECL latest news: एसईसीएल प्रबंधन द्वारा भूमि अधिग्रहण के वर्षों बाद भी भू-स्वामियों को न तो नौकरी दी गई है और न ही मुआवजा। इस मामले में प्रभावित पंचायतों के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों द्वारा खदानों में ताला लगाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल (SECL latest news) किए जाने का अल्टीमेटम दिया गया है। एसईसीएल बिश्रामपुर क्षेत्र के आरजीके सहक्षेत्र प्रबंधक को लिखित आवेदन देकर ग्रामीणों ने कहा है कि आरजीके भूमिगत कोयला खदान सहक्षेत्र अंतर्गत कोयला प्रभावित ग्राम के बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराया जाए। कोयला खदान के लिए अधिग्रहित भू-स्वामियों को नौकरी एवं मुआवजा जल्द दिलाए जाए।
ग्रामीणों का यह भी कहना है कि 4 से 5 माह पूर्व प्रभावित ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों व एसईसीएल के अधिकारियों की उपस्थिति में ग्राम पंचायत गेतरा सब एरिया ऑफिस में बैठक हुई थी।
बैठक में क्षेत्रीय महाप्रबंधक द्वारा जनप्रतिनिधियों को आश्वस्त किया गया था कि कोयला खदान (SECL latest news) के लिए किए गए भूमि अधिग्रहण में भू स्वामियों को पात्रतानुसार नौकरी एवं मुआवजा दिया जाएगा। साथ ही यहां के बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराया जाएगा।
पूर्व महाप्रबंधक एसईसीएल बिश्रामपुर द्वारा कहा गया था कि वर्ष 2023 तक जिन लोगों का भूमि अधिग्रहण किया गया है, उनको मुआवजा राशि एवं 159 भूमि स्वामियों को नौकरी (SECL latest news) दे दी जाएगी। बावजूद इसके आज तक न तो नौकरी मिल पाई है और ना ही मुआवजा की राशि, इससे भू.स्वामियों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों द्वारा यह चेतावनी भी दी गई है कि यदि जल्द ही भू स्वामियों को मुआवजा की राशि एवं नौकरी उपलब्ध नहीं कराया गया तो सभी कोल प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों द्वारा 4 सितंबर को गायत्री खदान (SECL latest news) एवं 5 सितंबर को केतकी भूमिगत खदान के मुख्य गेट पर ताला बंदकर अनिश्चित कालीन आन्दोलन किया जाएगा।
प्रभावित क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों द्वारा पिछले दिनों 12 अगस्त को भी सहक्षेत्र प्रबंधक आरजीके को भी ज्ञापन दिया जा चुका है। इसमें उल्लेख किया गया था कि यहां पर वीटीसी प्रशिक्षित युवाओं को रोजगार नहीं मिल पा रहा है।
कुछ ठेकेदारों द्वारा एसईसीएल (SECL) के अधिकारियों के साथ साठगांठ करके बाहर से मजदूर लाकर बी फार्म कराकर खदान में मजदूरी कराया जा रहा है। इससे कोल प्रभावित (SECL latest news) ग्राम पंचायत के ग्रामीणों व जन प्रतिनिधियों में आक्रोश व्याप्त है। साथ ही ग्रामीणों द्वारा प्रबंधन से 10 दिनों के भीतर ठेका मजदूरों की सूची उपलब्ध कराने की भी मांग की जा चुकी है।
Published on:
28 Aug 2024 06:09 pm
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