Blind murder case: अपने चचेरे भाई की पत्नी को भगाकर लिव-इन में रखा था अपने साथ, बाद में चरित्र पर करने लगा शक, इसी बीच हत्या की वारदात को दिया अंजाम, भाई व मां के साथ मिलकर शव को लगाया था ठिकाने
भटगांव। महान-1 कोल खदान की पोखरी में कंबल में बांधकर युवती का शव फेंके जाने के मामले का खुलासा भटगांव पुलिस ने कर दिया। पुलिस ने युवती की हत्या (Blind murder case) करने वाले आरोपी, उसके भाई व मां को गिरफ्तार किया है। दरअसल मुख्य आरोपी मृतका को अपने साथ किराए के कमरे में लिव-इन में रखा था। फिर चरित्र शंका के कारण पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से उसकी हत्या करने के बाद शव को भाई के साथ मिलकर बंद खदान की पोखरी में डाल दिया। इस कार्य में मां का भी सहयोग होने पर उसकी भी गिरफ्तारी हुई है। जबकि मृतका ने पहले आरोपी युवक के चचेरे भाई से प्रेम विवाह किया था।
सूरजपुर जिले के भटगांव थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कपसरा के बंद कोल खदान महान-1 की पोखरी में 28 मार्च को कंबल में लिपटी एक युवती की लाश (Blind murder case) मिली थी। इसकी शिनाख्त संतोषी कश्यप 25 वर्ष निवासी सरगीगुड़ा थाना देवभोग जिला गरियाबंद व वर्तमान पता ग्राम खोरमा प्रतापपुर के रूप में हुई थी।
युवती की हत्या कर शव फेंका गया था। पुलिस की जांच में ये बात सामने आई कि कि मृतका का प्रेम विवाह वर्ष 2022 में ग्राम केवरा निवासी राजेश चौधरी के साथ हुआ था। लेकिन डेढ़ वर्ष बाद इसका चचेरा भाई केवरा निवासी प्रमेन्द्र चौधरी संतोषी को अपने साथ गुपचुप तरीके से ग्राम खोरमा में किराए का मकान में रखा था।
इन दोनों का एक डेढ़ माह का बच्चा भी है। इस आधार पर पुलिस ने प्रमेंद्र चौधरी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने संतोषी की हत्या (Blind murder case) की बात स्वीकार की।
इस पर पुलिस ने आरोपी प्रमेंद्र चौधरी पिता लालसाय 22 वर्ष और वारदात में सहयोग करने वाले उसके भाई राजू चौधरी 28 वर्ष और मां कलेश्वरी चौधरी 43 वर्ष को गिरफ्तार (Blind murder case) कर लिया। पुलिस ने रविवार को तीनों को जेल भेज दिया।
कार्रवाई में थाना प्रभारी सरफराज फिरदौसी, थाना प्रभारी प्रतापपुर लक्ष्मण सिंह धुर्वे, एएसआई बजरंगी चौहान, कुसुमकांता लकड़ा, प्रधान आरक्षक विनोद परीडा, महिला प्रधान आरक्षक अरूणा बिसेन, आरक्षक राजेश तिवारी, अवधेश कुशवाहा, दिनेश ठाकुर, रजनीश पटेल, संतोष जायसवाल व राधेश्याम साहू सक्रिय रहे।
मुख्य आरोपी प्रमेन्द्र ने बताया कि वह संतोषी के चरित्र पर शंका के करता था। उससे पीछा छुड़ाने के उद्देश्य से 22 मार्च की रात गले को कपड़े से कसकर उसकी जान ले ली। हत्या (Blind murder case) करने के बाद अपने भाई राजू चौधरी को फोन कर बोला कि संतोषी बच्चे को छोडक़र कहीं चली गई है। जब राजू मां कलेश्वरी के साथ बाइक से पहुंचा तो संतोषी वहां मृत पड़ी थी।
फिर प्रमेंद्र ने भाई और मां को पूरी बात बताई। इसके बाद प्रमेन्द्र और राजू ने संतोषी का शव को कंबल में लपेटकर रबर से बांध दिया। फिर तीनों बाइक सेे पहले ग्राम केवरा गए, यहां मां कलेश्वरी को बच्चे के साथ उतार दिया। फिर दोनों भाई ग्राम कपसरा स्थित बंद महान-1 कोयला खदान पहुंचे।
यहां पोखरी में मृतका का शव (Blind murder case) फेंक दिया। यहां से वापस आकर पड़ोस के लोगों को यह झूठी जानकारी दी कि संतोषी कही चली गई है। यही नहीं, आरोपी प्रमेंद्र ने प्रतापपुर थाने में भी गलत जानकारी व हुलिया बताकर २५ मार्च को गुमशुदगी दर्ज कराई थी।