शहर अध्यक्ष ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
सूरत. निकाय चुनाव की सरगर्मी से पहले सूरत शहर कांग्रेस में उभरा आंतरिक विवाद अब खुलकर सामने आ गया है। महिला कांग्रेस इकाई की 11 पदाधिकारियों के सामूहिक इस्तीफे से पार्टी में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। महिला कार्यकर्ताओं ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष विपुल उधनावाला पर महिला विरोधी मानसिकता, अभद्र व्यवहार और मानसिक प्रताड़ना जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। हालांकि, शहर अध्यक्ष ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए अपना पक्ष स्पष्ट किया है।महिला इकाई की पदाधिकारियों ने प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष गीता पटेल को भेजे इस्तीफे में कहा कि शहर अध्यक्ष की कार्यशैली तानाशाहीपूर्ण रही है। उनका आरोप है कि महिला कार्यकर्ताओं के साथ अपमानजनक व्यवहार किया गया और लंबे समय से मानसिक दबाव बनाया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, यह असंतोष नया नहीं है, बल्कि पिछले कुछ समय से पार्टी के भीतर सुलग रहा था, जो अब इस्तीफों के रूप में सामने आया है। कांग्रेस जहां मनपा और स्थानीय निकाय चुनाव को लेकर संगठन को मजबूत करने के दावे कर रही है, वहीं महिला विंग में हुआ यह घटनाक्रम पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
इस पूरे विवाद पर सूरत शहर कांग्रेस अध्यक्ष विपुल उधनावाला ने कहा कि कांग्रेस में महिला इकाई एक स्वतंत्र संगठनात्मक इकाई है। महिला इकाई में बदलाव, नियुक्तियां और जिम्मेदारियां राष्ट्रीय और प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा तय की जाती हैं। महिला इकाई अपने कार्यक्रम भी स्वयं निर्धारित करती है और शहर कांग्रेस समिति का दायित्व केवल उन्हें सहयोग देना होता है। हाल ही में शहर कांग्रेस महिला इकाई की अध्यक्ष को बदल कर ममता सवाणी को अध्यक्ष बनाया गया है। महिला विरोधी मानसिकता के आरोपों को उन्होंने पूरी तरह निराधार बताया। उधनावाला ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि इस तरह के आरोप क्यों लगाए जा रहे हैं और इनका कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।