टीकमगढ़ शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर बनाई गई सडक़ें और डिवाइडर अब नगरपालिका की लापरवाही का आईना बन गए है। विभिन्न सडक़ों पर बनाए गए डिवाइडरों की न तो सुरक्षा हो पा रही है और न ही समय पर मरम्मत। हालत यह है कि शहर में डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर डिवाइडर टूटे […]
टीकमगढ़ शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर बनाई गई सडक़ें और डिवाइडर अब नगरपालिका की लापरवाही का आईना बन गए है। विभिन्न सडक़ों पर बनाए गए डिवाइडरों की न तो सुरक्षा हो पा रही है और न ही समय पर मरम्मत। हालत यह है कि शहर में डेढ़ दर्जन से अधिक स्थानों पर डिवाइडर टूटे पड़े है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंदे बैठे है।
तीन दिन पहले ढोगा क्षेत्र में एक भारी वाहन डिवाइडर से टकरा गया। जिससे डिवाइडर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। यह कोई पहली घटना नहीं है। इसके बावजूद न तो चेतावनी संकेत लगाए गए और न ही टूटे डिवाइडरों को हटाने या सुधारने की पहल की गई। स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के समय ये टूटे डिवाइडर साफ नजर नहीं आते, जिससे किसी बड़े हादसे का खतरा लगातार बना हुआ है।
नूतन विहार कॉलोनी निवासी बालक दास यादव ने बताया कि शहर के सौंदर्यीकरण के नाम पर विभिन्न सडक़ों पर बनाए गए डिवाइडर अब खुद ही खतरा बनते जा रहे है। नगरपालिका इन डिवाइडरों की सुरक्षा और रखरखाव करने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है। यहां के डिवाइडर वाहनों की टक्कर से टूट गए और कईयों की जालियां गायब हो गई है। इनकी शिकायतें भी कई बार की जा चुकी है।
नगर के ढोंगा नूतन विहार कॉलोनी, गंजीखाना, मऊचुंगी रोड, जेल रोड और कलेक्ट्रेट रोड की जालियां सालों से नहीं लगाई गई है। साथ ही नंदीश्वर कॉलोनी गेट से पुराना वन विभाग के सामने तक अधूरा डिवाइडर बना पड़ा है। इसके सुधार का कार्य नहीं किया जा रहा है। अब दुकानदारों ने उस डिवाइडर पर प्रचार प्रसार के लिए बोर्ड रखना और लगाना शुरू कर दिया है।