टीकमगढ़

जर्जर स्कूलों में जान जोखिम में डालकर पढ़ रहे बच्चे, 416 भवन खस्ताहाल

टीकमगढ़ जिले में शासकीय स्कूलों की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। सैकड़ों स्कूल भवन जर्जर अवस्था में होने के बावजूद उनमें आज भी बच्चों की नियमित कक्षाएं संचालित की जा रही है। कई स्कूलों में न तो बिजली की सुविधा है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था। जिससे छात्रों और शिक्षकों […]

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Dec 24, 2025
140 स्कूलों में बिजली नहीं, 200 में पेयजल सुविधा का अभाव, कई बार सर्वे के बावजूद मरम्मत ठप

टीकमगढ़ जिले में शासकीय स्कूलों की स्थिति लगातार चिंताजनक होती जा रही है। सैकड़ों स्कूल भवन जर्जर अवस्था में होने के बावजूद उनमें आज भी बच्चों की नियमित कक्षाएं संचालित की जा रही है। कई स्कूलों में न तो बिजली की सुविधा है और न ही पीने के पानी की व्यवस्था। जिससे छात्रों और शिक्षकों को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

जानकारी के अनुसार जिले में 416 से अधिक प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल भवन जर्जर घोषित किए जा चुके है। इनमें से 140 से अधिक स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं है, जबकि करीब 200 स्कूल बिना पेयजल सुविधा के संचालित हो रहे है, जर्जर छतें, दरकती दीवारें और बारिश के दौरान टपकती छतें किसी बड़े हादसे को न्योता दे सकती है।

कई बार हो चुका सर्वे, फि र भी सुधार नहीं

शिक्षा विभाग द्वारा इन स्कूलों का कई बार भौतिक सर्वे किया जा चुका है। मरम्मत की आवश्यकता को लेकर रिपोर्ट और प्रस्ताव भी उच्च स्तर पर भेजे गए, लेकिन अब तक अधिकांश स्कूलों में सुधार कार्य शुरू नहीं हो सका है। मरम्मत में हो रही देरी से बच्चों और शिक्षकों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे है।

डर के माहौल में पढऩे को मजबूर बच्चे

अभिभावकों का कहना है कि बच्चे डर के माहौल में पढ़ाई करने को मजबूर है। वहीं शिक्षक भी जोखिम उठाकर कक्षाएं संचालित कर रहे है। जिला स्तरीय बैठकों में इस मुद्दे पर चर्चा और बजट स्वीकृति की बातें जरूर सामने आई, लेकिन जमीनी स्तर पर हालात जस के तस बने हुए है।

दो साल पहले भी सामने आई थी यही स्थिति

दो वर्ष पूर्व जिले में करीब 280 स्कूल जर्जर चिन्हित किए गए थे। जिनकी मरम्मत के लिए 50 लाख रुपए स्वीकृत किए गए थे। यह राशि जरूरतों की तुलना में अपर्याप्त साबित हुई। वर्तमान में जर्जर भवनों की मरम्मतए छतों और कमरों के सुदृढ़ीकरण के साथ बिजली और पेयजल व्यवस्था सुधारने के लिए 4 करोड़ रुपऐ के बजट की मांग की गई है।

जिले में ४१६ के करीब प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल जर्जर है। उनकी मरम्मत के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसकी जल्द ही बैठक आयोजित की जाएगी। इन स्कूलों की मरम्मत के लिए ४ करोड़ रुपए का प्रस्ताव रखा जाएगा। जिससे बच्चों को बैठने और दुर्घटनाओं का सामना नहीं करना पड़े।

पीआर त्रिपाठी, डीपीसी, सर्व शिक्षा अभियान जिला शिक्षा केंद्र टीकमगढ़।

Published on:
24 Dec 2025 11:03 am
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