टीकमगढ़. एक ओर नगरपालिका क्षेत्र के कई वार्डों में आधा दर्जन से अधिक रहवासी मोहल्ले पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहे है, वहीं दूसरी ओर शहर में जल प्रदाय चालू कर जिम्मेदार अधिकारी उसे बंद करना भूल जाते है। इसका नतीजा यह है कि कई क्षेत्रों में सप्लाई लाइन खुली रहने से बउ़ी मात्रा […]
टीकमगढ़. एक ओर नगरपालिका क्षेत्र के कई वार्डों में आधा दर्जन से अधिक रहवासी मोहल्ले पानी की गंभीर किल्लत से जूझ रहे है, वहीं दूसरी ओर शहर में जल प्रदाय चालू कर जिम्मेदार अधिकारी उसे बंद करना भूल जाते है। इसका नतीजा यह है कि कई क्षेत्रों में सप्लाई लाइन खुली रहने से बउ़ी मात्रा में पेयजल सडक़ों पर बह रहा है। जिससे रास्ते तालाब में तब्दील हो गए है।
आंबेडकर तिराहा के पास गंजीखाना मोड़ पर तय समय के बाद भी पानी बंद नहीं किए जाने से जगह जगह जलभराव की स्थिति बन गई है। इससे न केवल कीमती पेयजल की बर्बादी हो रही है, बल्कि राहगीरों और वाहन चालकों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
स्थानीय लोगों ने कई बार नगरपालिका के जल विभाग को सूचना दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते जहां सडक़ें क्षतिग्रस्त हो रही है, वहीं मच्छरों का प्रकोप और दुर्घटनाओं का खतरा भी लगातार बढ़ रहा है।
विडंबना यह है कि नगरपालिका के पास घर घर पानी सप्लाई के पर्याप्त साधन उपलब्ध होने का दावा किया जाता है। इसके बावजूद शहर के कई वार्डों में आज भी पाइप लाइन नहीं पहुंच पाई है। ऐसे आधा दर्जन से अधिक मोहल्ले है। जहां लोगों को हर मौसम में पेयजल के लिए संघर्ष करना पड़ता है। लोगों का कहना था कि जल प्रदाय व्यवस्था पर नियमित निगरानी रखी जाए, लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो और पानी की बर्बादी पर तत्काल रोक लगाई जाए।
चेबर को बाल खराब हो गया है। उसका सुधार कार्य किया जा रहा है। नल लाइन को चालू और बंद करने वाले कर्मचारियों को निर्देश दिए गए है कि पानी बर्बाद हुआ तो कार्रवाई की जाएगी।