लखौरा तिराहा प्रतिबंध एरिया में प्रवेश करते भारी वाहन।
प्रतिबंध के बाद भी नहीं किया जा रहा यातायात का पालन
टीकमगढ़. शहर की यातायात व्यवस्था सुधार के लिए पुलिस प्रशासन ने भारी वाहनों पर प्रतिबंध लगा दिया था। कुछ महीनों तक यातायात व्यवस्था का पालन किया गया और बायपास से वाहनों का आवागमन होने लगा। लेकिन अब यह व्यवस्था अफसल होती दिखाई दे रही है। जबकि भारी वाहनों को रोकने के लिए ड्रम और बैरीगेट्स भी रखे गए थे। लेकिन अब वह काम नहीं आ रहे है।
शहर का यातायात दबाव बढ़ गया है। सागर, मऊरानीपुर, छतरपुर, ललितपुर और झांसी से आने वाले भारी वाहनों को शहर में आने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है। इसकी रोक के लिए गाटर और मिट्टी सीमेंट से भरे ड्रम और बैरीगेट्सों को रखा गया है। इसके बावजूद वाहन चालकों द्वारा वाहनों को शहर में लगाया जा रहा है। जिससे सडक़ तो टूट ही रही है। वहीं इनसे दुर्घटनाओं का अंदेशा बना हुआ है।
इन स्थानों पर लगाया गया प्रतिबंध
कुंडेश्वर रोड की तालाब सडक़ पर लोहे की गाटर, नीचे की सडक़ पर बैरीगेट्स और ड्रम, इसी तरह मऊचुंगी रोड के लखौरा तिराहा और आंबेडकर तिराहा पुराना बस स्टैंड रोड, झांसी रोड के कारी तिराहा के साथ अन्य जगहों पर प्रतिबंध के लिए ड्रम और बैरीगेट्स रखे गए है। इसके बाद भी भारी वाहनों का आवागमन नहीं रूक पा रहा है।
शहर में भारी वाहनों के प्रवेश पर सुबह ९ बजे से लेकर देर रात १० बजे तक नो एंट्री है। शहर में दिन में दूध, अनाज, पेट्रोलियम के साथ अन्य वाहनों को छूट दी गई है। बाकी रेत, गिट्टी, ट्रांसपोर्ट के साथ अन्य सामग्री से भरे वाहनों को प्रतिबंध किया गया है। खास बात तो यह है कि प्रतिबंध लगाने के बाद भी भारी वाहनों का प्रवेश शहर में हो जाता है, इन्हें न तो यातायात पुलिस रोकती है और न ही चालानी कार्रवाई करती है।
इनका कहना
भारी वाहनों को रोकने के लिए पांच स्थान बनाए गए है। उन स्थानों पर ड्रम और बैरीगेट्स रखे गए है। अगर भारी वाहन शहर में नजर आते है तो चालानी कार्रवाई की जाएगी।
कैलाश कुमार पटेल, यातायात प्रभारी टीकमगढ़।