जतारा.
घटित घटनाओं की कैसे होगी जांच
टीकमगढ़. सरकारी विभाग और सडक़ों पर होने वाली घटनाओं पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन दर्जनों विभागों में कैमरे नहीं है। जहां पर कैमरे लगाए गए है, वहां के बंद पड़े है। यह लापरवाह कर्मचारी और विभागोंं में घटित होने वाली घटनाओं की जानकारी जिम्मेदारों को नहीं मिल पा रही है।
पत्रिका की टीम शुक्रवार की दोपहर १२ बजे उप डाकघर पहुंची। जहां पर हितग्राहियों की भीड़ और कर्मचारी आपस में बर्तालाप कर रहे थे। इनकी निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरा नहीं था। वहीं अधिकारी भी गायब थे। दोपहर 12:16 बजे पीएचई विभाग में पहुंचे। जहां पर अधिकारी गायब थे। वहां पर सिर्फ लेखापाल अनिल दुबे थे। तीसरी आंख नहीं होने के कारण अधिकारियों की कोई जानकारी नहीं रहती है।
दोपहर १२:२० बजे जल संसाधन विभाग कार्यालय का दरवाजा तो खुला था, लेकिन अधिकारी और कर्मचारी नहीं थे। इसके साथ ही दोपहर १२:२२ बजे लोक निर्माण विभाग और दोपहर १२:३० बजे कृषि विभाग के हाल बेहाल थे। कुछ कर्मचारियों ने बताया कि जल संसाधन विभाग, पीएचई विभाग, उपडाक के साथ अन्य विभागों में किसानों की लाइने लगी रहती है। लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है।
शहर की भी सीसीटीवी कैमरे बंद
नगरपरिषद क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। इससे नगर की सुरक्षा और आने जाने वाले वाहनों के साथ संदिग्धों पर निगरानी बनाई जा सके। लेकिन कुुछ ही दिनों में यहां के कैमरे बंद हो गए थे। कई स्थानों के कैमरे गायब हो गए और कई स्थानों के टूट कर खराब हो गए है। सीसी टीवी कैमरे सही कराने का मुद्दा शांति समिति में उठाया गया था। जिसमें सीएमओ ने उसके सुधार के लिए मना कर दिया था। इस मामले में एसडीओपी अभिषेक गौतम और सीएमओ रामस्वरूप पटैरिया ने निगरानी रखने का आश्वासन दिया था। लेकिन मामले में एसडीएम संजय दुबे द्वारा कोई प्रतिक्रिया दर्ज नहीं कराई है।