
आवेदन के बाद भी इंतजार
टीकमगढ़ जिले के लाखों छात्रों को एक राष्ट्र एक छात्र की संकल्पना के तहत केंद्र सरकार द्वारा नर्सरी से कक्षा 12वीं तक के छात्रों के लिए बनाई जा रही अपार आईडी जिले में दो साल बाद भी पूरी तरह लागू नहीं हो पाई है। जिले के कुल 206267 छात्रों में से अब तक सिर्फ 126515 की ही अपार आईडी बन सकी है। जबकि बड़ी संख्या में छात्र आवेदन के बाद भी इंतजार कर रहे है।
शिक्षा विभाग के अनुसार जिले में नर्सरी से 12वीं तक के 1667 स्कूल संचालित हैं। इनमें दर्ज छात्रों में से 1643 पंजीयन निरस्त हो चुके है, जबकि 78050 आवेदन निरस्तीकरण की स्थिति में बताए जा रहे है। वहीं 8238 छात्रों की आईडी बनाने का कार्य जारी है और 4726 छात्र पास होकर अगली कक्षाओं में चले गए है। अपार आईडी की धीमी रफ्तार को लेकर अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन में असंतोष है, क्योंकि यह आईडी अब प्रवेश, बोर्ड परीक्षा नामांकन और अन्य शैक्षणिक फॉर्मों में भी मांगी जाने लगी है।
अपार आईडी में 12 अंकों का यूनिक कोड होगा, जो छात्र के आधार से लिंक रहेगा। इसका उद्देश्य देशभर के छात्रों को एक समान पहचान देना है, ताकि पढ़ाई से लेकर भविष्य में नौकरी तक शैक्षणिक रिकॉर्ड एक ही डिजिटल प्लेटफ ॉर्म पर उपलब्ध हो सके।
अपार आईडी के लिए सभी स्कूलों में अभिभावकों की सहमति से फ ॉर्म भरवाए गए। इनमें छात्र का नाम, माता पिता का नाम, जन्मतिथि, जेंडर, आधार नंबर, मोबाइल नंबर और पहचान पत्र शामिल है। सत्यापन के बाद स्कूल स्तर एसडी एमएस पोर्टल से आईडी जनरेट की जानी थी, लेकिन प्रक्रिया समय पर पूरी नहीं हो सकी।
अपार आईडी के माध्यम से छात्र की परीक्षा परिणाम, रिपोर्ट कार्ड, क्रेडिट स्कोर, छात्रवृत्ति और अन्य शैक्षणिक उपलब्धियां डिजिटल रूप से सुरक्षित रहेंगी। यह डिजिलॉकर इकोसिस्टम का भी हिस्सा होगी। जिससे छात्र कहीं से भी कभी भी अपने शैक्षणिक दस्तावेज देख और उपयोग कर सकेंगे।
शासन के निर्देश पर छात्रों की आपार आईडी बनाने के फॉर्म भरवाए गए है। लगभग सभी छात्रों से फॉर्म ले भी लिए गए है। यह प्रक्रिया दो साल से चल रही है। जसो छात्र-छात्राएं दूटे है, उनकी जल्द ही आपार आईडी बनवाई जाएगी।
शरद कुमार खरे, प्रभारी आपार आईडी जिला शिक्षा विभाग टीकमगढ़।
Published on:
18 Dec 2025 08:07 pm
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