Krisna Gaur- मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनी और कॉलोनाइजरों के खिलाफ बेहद सख्ती बरती जा रही है।
Krisna Gaur- मध्यप्रदेश में अवैध कॉलोनी और कॉलोनाइजरों के खिलाफ बेहद सख्ती बरती जा रही है। ग्राहकों को सर्वसुविधाओं का लालच देकर अवैध प्लॉट बेचकर बाद में वादों से मुकर जाते हैं जिससे खरीददार मूलभूत सुविधाओं तक से वंचित रहते हैं। प्रशासन ऐसे मामलों की जांच कर अवैध कॉलोनियों का सर्वे कराकर इनकी सूची सार्वजनिक कर रहा है। टीकमगढ़ जिले में तो जबर्दस्त गड़बड़ी सामने आई जिसमें कांग्रेस और बीजेपी के कई नेता भी शामिल हैं। ऐसे में कलेक्टर ने कई क्षेत्रों में जमीन की रजिस्ट्री और नामांतरण पर रोक लगा दी जिससे हड़कंप मचा है। अब प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने भी कलेक्टर के फैसले पर मुहर लगा दी है। उन्होंने इसे सही बताया है।
टीकमगढ़ में कलेक्टर ने नगर पालिका टीकमगढ़, नगरपरिषद पलेरा और बल्देवगढ़ में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनी विकसित करने वाले दो सौ से अधिक कॉलोनाइजरों के खिलाफ नोटिस जारी किए थे। इन्होंने छोटे-छोटे प्लाट में बांटकर आवासीय उपयोग के लिए तो बेच दिया, लेकिन कॉलोनी विकास का कार्य नहीं किया गया।
अवैध कॉलोनी काटने में कांग्रेस और बीजेपी के नेता भी शामिल हैं। कलेक्टर ने अवैध कॉलोनियों के साथ वैध कॉलोनियों की रजिस्ट्री और नामांतरण पर भी रोक लगा दी है। इधर कार्रवाई स्थिर होने से प्लाट खरीदने वालों की चिंता बढ़ गई है। प्लाट खरीदने वाले असमंजस की स्थिति में है। कई खरीददार कॉलोनाइजर और अधिकारियों के चक्कर भी काट रहे हैं, लेकिन निराकरण नहीं हो पा रहा है।
जमीन की खरीद फरोख्त और रजिस्ट्री पर रोक के फैसले से जिलेभर में हड़कंप मचा है। कॉलोनाइजर कई तरह के दबाव डाल रहे हैं लेकिन कलेक्टर टस से मस नहीं हो रहे। अब प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर ने भी जमीन की रजिस्ट्री पर रोक को सही बताया है।
टीकमगढ़ जिले की प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर दो दिवसीय प्रवास पर आई थीं। यहां उन्होंने पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक लेकर सरकारी योजनाओं की समीक्षा की।
प्रभारी मंत्री कृष्णा गौर मीडिया से भी रूबरू हुई। उन्होंने कहा कि खाद की कोई किल्लत नहीं है, कुछ देरी जरूर हो रही है। किसानों को खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। मंत्री कृष्णा गौर ने कलेक्टर द्वारा जमीन की खरीद फरोख्त और रजिस्ट्री पर लगी रोक के सवाल पर इसे उचित निर्णय करार दिया। उन्हेंने कहा कि अवैध कालोनियों में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। व्यवस्था सुधारने की दृष्टि से यह सही निर्णय है।
कॉलोनी विकास की अनुमति नहीं ली।
जमीन का डायवर्जन नहीं कराया।
मध्यप्रदेश नगरपालिका कॉलोनी विकास नियम 2021 के तहत रजिस्ट्रीकरण नहीं कराया।
नगर एवं ग्राम निवेश अधिनियम 1973 के तहत लेआउट का अनुमोदन नहीं लिया।