टीकमगढ़ जिले में सडक़ हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। खासकर दो प्रमुख सडक़ों पर हर महीने दुर्घटनाओं के आंकड़े लगातार बढ़ रहे है। हैरानी की बात यह है कि सडक़ सुरक्षा समिति की बैठकों में इन मार्गों के अंधे मोड़ों को लेकर बार बार सवाल उठाए गए, बावजूद इसके अब तक सुरक्षा […]
टीकमगढ़ जिले में सडक़ हादसों पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। खासकर दो प्रमुख सडक़ों पर हर महीने दुर्घटनाओं के आंकड़े लगातार बढ़ रहे है। हैरानी की बात यह है कि सडक़ सुरक्षा समिति की बैठकों में इन मार्गों के अंधे मोड़ों को लेकर बार बार सवाल उठाए गए, बावजूद इसके अब तक सुरक्षा के ठोस इंतजाम नहीं किए गए।
जानकारी के अनुसार इन सडक़ों पर अंधे मोड़, चेतावनी संकेतों का अभाव और गति नियंत्रण की व्यवस्था न होने के कारण वाहन चालक अचानक सामने आने वाले वाहनों को समय रहते नहीं देख पाते। जिससे टकराव की घटनाएं बढ़ रही है। वहीं सडक़ किनारे किए गए अवैध कब्जों के कारण मार्ग संकरा हो गया है। जिससे पैदल यात्रियों और दोपहिया चालकों के लिए जोखिम और भी बढ़ गया है। लगातार हो रहे इन हादसों ने सडक़ सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
अंधे मोड़, तेज रफ्तार, संकेतकों की कमी और सडक़ किनारे किए गए कब्जे हादसों की बड़ी वजह बने हुए है। इसके बावजूद जिम्मेदार विभागों की उदासीनता बनी हुई है। वहीं खरगापुर थाना क्षेत्र के रमसगरा तिराहा पर बाइक और कार की टक्कर से बाइक चाल गंभीर रूप से घायल हो गया है।
टीकमगढ़ मऊरानीपुर सडक़ों पर हादसों का ग्राफ खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। बीते एक सप्ताह में ही इन मार्गों पर एक दर्जन से अधिक सडक़ दुर्घटनाएं हो चुकी है। जिनमें कई चालकों और सवारों ने अपनी जान गंवा दी। दिनऊ मंदिर के पास एक सप्ताह पहले हुई टक्कर में एक महिला की मौके पर मौत हो गई थी। इसके तीन दिन बाद चार पहिया वाहन की टक्कर से एक किसान की जान चली गई।
बम्होरीकलां और कनेरा के बीच सडक़ हादसे में एक दुकानदार की मौत हो गई। वहीं दो महीने पहले जतारा पलेरा मार्ग के सिमरा खुर्द में ट्रक की टक्कर से एक बाइक सवार की मौत हो चुकी है। गोवा और संजयनगर के पास हुए सडक़ हादसे में भी दो लोगों ने जान गंवाई थी। सबसे भयावह हादसा जतारा मऊरानीपुर रोड के प्रताप नगर तिगेला के पास हुआ, जहां तीन बाइकों की आमने सामने टक्कर में चार लोगों की मौत हो गई।
टीकमगढ़ झांसी मार्ग पर सडक़ दुर्घटनाओं का सिलसिला थम नहीं रहा है। बताया जा रहा है कि इस मार्ग के चौक, चौराहे और तिराहे हादसों के सबसे बड़े केंद्र बन चुके है। जहां आए दिन जानलेवा दुर्घटनाएं घटित हो रही है। 2 दिसंबर को रतनगुवां भाटा के पास बाइक और कार की आमने सामने टक्कर हो गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं बर्मा ताल के पास एक बाइक सवार ने जोरदार टक्कर मार दी।
जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। धामना तिराहा पर चार पहिया वाहन की टक्कर से भी एक व्यक्ति की जान चली गई। इसके अलावा वर्मा डांग के पास दो बाइकों की आपस में भिड़ंत हो गई। जिसमें चार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इस सडक़ पर फु टेर की बरिया, बर्मा डांग, बर्मा ताल, बिजरावन तिराहा, दोर की मोड, पूनौल नाला सहित अन्य कई स्थान ऐसे है। जहां सबसे अधिक सडक़ दुर्घटनाएं सामने आ रही है।
जिले की सबसे अधिक दुर्घटनाएं वाली सडक़ों के स्थान और ब्लैक स्पोटों को चिन्हित कर रहे है। उन स्थानों पर सडक़ दुर्घटनाओं को कम करने के प्रयास किए जा रहे है। प्रयास है कि वाहन चालक वाहन नियमानुसार चलाए। वाहन चालाते समय फोन पर बात न करे कार चालक सीट बेल्ट और बाइक चालक हेलमेट लगाए।