main gate of the 450 year old Janaki temple: मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में स्थित पर्यटन नगरी ओरछा में राम राजा लोक निर्माण के दौरान 450 साल पुराना जानकी मंदिर का असली मुख्य द्वार सामने आया। इसे सालों पहले दीवार बनाकर बंद कर दिया गया था।
main gate of the 450 year old Janaki temple: बुंदेली वास्तुकला की अनूठी धरोहर ओरछा नगरी में ऐतिहासिक धरोहरों के संरक्षण का कार्य जारी है। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में स्थित पर्यटन नगरी ओरछा में राम राजा लोक निर्माण के तहत चल रहे कार्यों के दौरान जानकी मंदिर का प्राचीन मुख्य प्रवेश द्वार एक बार फिर सामने आया है। यह द्वार वर्षों पहले दीवार बनाकर बंद कर दिया गया था।
जानकी मंदिर का वर्तमान में मुख्य प्रवेश झांसी हाईवे की ओर है, जिसे ही श्रद्धालु मूल प्रवेश द्वार मानते आए थे। लेकिन राम राजा धर्मशाला में चल रहे कार्यों के दौरान मंदिर से सटे एक पुराने बंद द्वार के संकेत मिले। जब इस पर बनाई गई दीवार को हटाया गया, तो यह भव्य द्वार अपनी ऐतिहासिक सुंदरता के साथ सामने आया।
इस ऐतिहासिक द्वार पर उत्कृष्ट नक्काशी की गई है। पर्यटन विभाग के उपयंत्री पीयूष वाजपेयी के अनुसार 'यह द्वार अत्यंत सुंदर और कलात्मक है। इसके ऊपरी भाग में एक भव्य गणेश प्रतिमा अंकित है, जिसे सीमेंट और रेत से भर दिया गया था। इसके अलावा, द्वार के स्तंभों पर सैनिकों की मूर्तियां बनी हैं और दहलीज पर उत्कृष्ट कलाकृति उकेरी गई है।'
विशेषज्ञों की जांच में पाया गया कि यह द्वार शिवपुरी के रेड स्टोन से निर्मित है। यह पत्थर ऐतिहासिक इमारतों में उपयोग के लिए प्रसिद्ध है। जानकी मंदिर के इस प्राचीन द्वार को संभवतः रामराजा धर्मशाला में हुए विभिन्न निर्माण कार्यों के दौरान बंद कर दिया गया था। धर्मशाला का क्षेत्र सावन भादौ और चंदन के कटोरा तक फैला है। समय के साथ यहां एसडीएम ऑफिस, तहसीलदार निवास और अन्य प्रशासनिक उपयोग के लिए विभिन्न पार्टिशन किए गए थे, जिसके चलते यह द्वार दीवार में बदल गया। पर्यटन विभाग इस ऐतिहासिक द्वार को संरक्षित करने की योजना बना रहा है। उपयंत्री वाजपेयी के अनुसार, इसे मूल रूप में बहाल कर श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए दोबारा खोला जाएगा।