राम नवमी तक मंदिर परिसर के बेस का काम होगा पूरा, इधर टूटने लगी दुकानें
टीकमगढ़/ओरछा. 450 साल पूर्व आधुनिक एवं बुंदेली शैली में निर्मित की गई ओरछा नगरी में समय के साथ सुविधा अनुसार बदलाव करने के साथ ही कुछ निर्माण किए गए थे। ऐसे में यहां का वास्तविक वास्तु छिप गया था। श्रीराम राजा लोक निर्माण का कार्य शुरू होने पर अब यह सब सामने आना लगा है। ऐसे में राम राजा धर्मशाला से लगे जानकी मंदिर का मुख्य द्वारा भी अब खुलकर सामने आ गया है।
श्रीराम राजा मंदिर से प्रांगण से लगे जानकी मंदिर का वर्तमान में मुख्य प्रवेश द्वार झांसी हाइवे पर है। लोग इसे ही मंदिर का मुख्य द्वार समझते थे, लेकिन राम राजा धर्मशाला में चल रहे काम के बाद अब जानकी मंदिर का मुख्य दरवाजा सामने आ गया है। धर्मशाला से लगे इस दरवाजे को सालों पूर्व बंद कर इस पर दीवार बना दी गई थी। राम राजा लोक के तहत यहां पर चल किए जा रहे काम के चलते किए गए नए निर्माण को हटाया जा रहा है। ऐसे में मंदिर के साइड में लगी दीवार हटाने पर यह दरवाजा सामने आया है।
पर्यटन विभाग के उपयंत्री पीयूष वाजपेयी ने बताया कि यह दरवाजा बहुत सुंदर है। पत्थर पर नक्काशी कर इस मुख्य दरवाजे का निर्माण किया गया था। दरवाजे के ऊपर सुंदर आकर्षक गणेश प्रतिमा है। इसे भी मसाले से भर दिया गया है। वहीं मंदिर के पिलर पर दो सैनिक बने है तो इसकी देहलीज पर सुंदर कलाकृति बनाई गई है। उपयंत्री वाजयेपी का कहना था कि इस गेट को पूरी तरह से संरक्षित किया जाएगा और इसे फिर से खोला जाएगा। ऐसे में श्रीराम राजा मंदिर के साथ ही जानकी मंदिर का प्रवेश द्वार एक ही परिसर में हो जाएगा।
वहीं उपयंत्री वाजपेयी ने बताया कि 6 अप्रैल को श्रीराम नवमी के पूर्व श्रीराम राजा मंदिर में बेस का काम पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी मंदिर के सामने 40 हजार वर्ग फीट का पूरा एरिया खाली हो चुका है और इस पर नीचे कांक्रीट का काम पूरा कर लिया गया है। साथ ही लगभग 25 हजार वर्गफीट पर पत्थर बिछाने का काम भी पूरा किया जा चुका है। राम नवमी के पहले तक यहां पर शेष बचे एरिया में भी सेंड स्टोन बिछाने का काम पूरा किया जाना है। इसके लिए ठेकेदार को निर्देश दिए गए है। वहीं मछली दरवाजा के सामने की मंदिर की दुकानें खाली होने के बाद इन्हें तोड़ जा रहा है। राम नवमी के बाद यहां पर बेस का काम शुरू किया जाएगा। विदित हो कि मछली दरवाजा के पास ही श्रीराम राजा लोक के लिए कमल नयन आकार का मुख्य प्रवेश द्वार निर्मित किया जाना है।